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Tuesday, 30 June 2020
Remdesivir, the First Coronavirus Drug, Gets a Price Tag
By Gina Kolata from NYT Health https://ift.tt/3dNNVrA
भारत में 2 जुलाई को लॉन्च हो रहा है सस्ता OnePlus TV कीमत होगी 20 हज़ार रुपए से भी कम
सर्वश्रेष्ठ क्वलिटी और बेहतरीन इनोवेशन के लिए OnePlus की पहचान दुनियाभर में है। प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में OnePlus ने भारतीय उपभोक्ताओं का दिल जीता है और अपने बेहतरीन स्मार्ट टीवी के साथ OnePlus ने दो साल पहले भारतीय प्रशंसकों को लुभाया है। अब सबसे अच्छी बात यह है कि OnePlus जल्दी ही भारत में बहुत ही आकर्षक कीमत पर नए स्मार्ट टीवी लॉन्च कर रहा है।
2 जुलाई को होगा लॉन्च
OnePlus के नए स्मार्ट टीवी के मॉडल्स का लॉन्च 2 जुलाई को शाम 7 बजे होगा। OnePlus ने भारत में लॉन्च होने वाले स्मार्ट टीवी की कीमत के बारे में कुछ संकेत भी दिए हैं। यदि कंपनी के ट्विटर पर दिए गए टीज़र पर भरोसा करें तो यह टीवी 20 हजार रुपए से भी कम कीमत का हो सकता है। OnePlus ने ट्वीट में कहा कि नया OnePlus टीवी 1x,999 के प्राइसटैग में आएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नए टीवी की कीमत 10,999 रुपये से 19,999 रुपये के बीच हो सकती है।
लॉन्च हो सकते हैं तीन मॉडल
अंदाजा लगाया जा रहा है कि OnePlus इस दौरान दो या तीन नए मॉडल लॉन्च कर सकती है। इनमें से एक स्मार्ट टीवी बजट सेगमेंट और दूसरा मिड-रेंज सेगमेंट का हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि बजट लाइनअप में एक नहीं, बल्कि इससे ज्यादा स्मार्ट टीवी भी हो सकते हैं। इनकी कीमत 20 से 50 हजार रुपए के बीच हो सकती है। चर्चा है कि OnePlus का नया टीवी मीडियाटेक चिपसेट के साथ आएगा।
वर्ष 2018 में लॉन्च हुए थे दो स्मार्ट टीवी
OnePlus ने 2018 में स्मार्ट टीवी सेगमेंट में कदम रखा था। उस समय लॉन्च किए गए दो स्मार्ट टीवी OnePlus TV Q1 और Q1 प्रो को भारत में जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला था। उस वक्त स्टैंडर्ड मॉडल की कीमत 69,990 रुपये और प्रो मॉडल की कीमत 99,900 रुपये थी। अब OnePlus सभी उपभोक्ताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए काफी आकर्षक कीमत में स्मार्ट टीवी लॉन्च करने जा रही है।
क्या हो सकती हैं कीमतें!
माना जा रहा है कि 32 इंच मॉडल की कीमत 19,999 रुपये, 43 इंच मॉडल की कीमत 29,999 रुपये और 55 इंच मॉडल की कीमत 49,999 रुपये या इससे कम हो सकती है। नए लॉन्च होने वाले स्मार्ट टीवी में HD, फुल HD और क्वाड HD रिज्यालूशन का डिस्प्ले हो सकता है। OnePlus के स्मार्ट टीवी में बेहद पतले बेजल, Dolby Vision और Dolby Atmos का सपॉर्ट और काफी स्लिम बॉडी मिलती है। इसमें शानदार सिनमैटिक डिस्प्ले भी यूजर्स को मिल सकता है।
यहां देखें लॉन्च इवेंट
OnePlus के नए स्मार्ट टीवी का लॉन्च इवेंट 2 जुलाई को शाम 7 बजे होगा। यदि आप इस लॉन्च इवेंट को लाइव देखना चाहते हैं तो यूट्यूब स्ट्रीमिंग के इसलिंक पर क्लिक करें—
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Most People With Coronavirus Won’t Spread It. Why Do a Few Infect Many?
By Carl Zimmer from NYT Science https://ift.tt/2ZmaChx
The Video Call Is Starting. Time to Put on Your Zoom Shirt.
By Joel Stein from NYT Business https://ift.tt/3iaj38b
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सामने आईं बीएस 6 रेनो ट्राइबर की माइलेज डिटेल्स, मिलेगा 19kpl तक का माइलेज; बीएस 4 मॉडल की तुलाना में सिर्फ 1kpl कम
रेनो ट्राइबर का बीएस 4 कंप्लेंट पेट्रोल इंजन अगस्त 2019 में लॉन्च हुआ था। वहीं 2020 की शुरुआत में इसे बीएस 6 कंप्लेंट 1.0-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन के साथ लॉन्च किया था। कुछ दिन इसका ऑटोमैटिक वैरिएंट भी बाजार में उतारा गया, जो 5-स्पीड AMT गियरबॉक्स से लैस है।
नए एमिशन नॉर्म्स में अपग्रेड किए जाने के बाद बीएस 6 ट्राइबर का माइलेज पुराने बीएस 4 मॉडल की तुलना में थोड़ा कम हो गया है जैसे की अन्य कारों में भी देखने को मिलता है। 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ ट्राइबर का ARAI सर्टिफाइड माइलेज 19kpl है, यह BS4 वैरिएंट से 1kpl कम है। वहीं नए AMT वैरिएंट का ARAI सर्टिफाइड माइलेज 18.29kpl है।
प्रतिद्वंदीयों की तुलना में रेनो ट्राइबर की फ्यूल इकोनॉमी?
- कीमत के मामले में रेनो ट्राइबर कंपनी की ही डटसन गो+ से थोड़ी ही मंहगी है और अपने प्रतिद्वंदी जैसे हुंडई ग्रैंड i10 निओस, मारुति सुजुकी स्विफ्ट और फोर्ड फिगो की तुलना में काफी सस्ती है।
ट्राइबर | गो+ | ग्रैंड i10 निओस | स्विफ्ट | फिगो | |
इंजन |
1.0 लीटर,3 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड |
1.2 लीटर,3 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड | 1.2 लीटर,4 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड | 1.2 लीटर,4 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड | 1.2 लीटर,3 सिलेंडर,नैचुरली एस्पिरेटेड |
ARAI माइलेज (MT) | 19kpl | 19.02kpl | 20.7kpl | 21.21kpl | 18.5kpl |
ARAI माइलेज (AMT) | 18.29kpl | 18.57kpl | 20.5kpl | 21.21kpl | - |
- ऊपर दी गई टेबल से, हम देख सकते हैं कि जबकि ट्राइबर में जहां सात लोगों के बैठने की सुविधा मिलती है वहीं इसका इंजन बाकी सभी कारों की तुलना में कम पावरफुल है बावजूद इसमें दूसरा सबसे कम ARAI माइलेज आंकड़ा मिलता है। हालांकि माइलेज डैटसन गो+ की तुलना में थोडा ही कम हैं, जो मैनुअल में 0.2kpl अधिक और ऑटोमैटिक में 0.28kpl अधिक माइलेज प्रदान करता है।
- बिना किसी संदेह के, यह मारुति सुजुकी स्विफ्ट है यह मोस्ट फ्यूल एफिशिएंट कार है, क्योंकि यह मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों वैरिएंट में 21.21kpl माइलेज प्रदान करती है। दूसरी ओर फोर्ड फिगो में 18.5kpl के साथ सबसे कम फ्यूल इकोनॉमी मिलती है जो मैनुअल वैरिएंट की है और वर्तमान में ऑटोमैटिक वैरिएंट के आंकड़े उपलब्ध नहीं है। बता दें कि हम ARAI टेस्टेड माइलेज की बात कर रहे हैं तो वास्तविक दुनिया में हमेशा कम होते हैं। हुंडई ग्रैंड आई 10 निओस टर्बो 100hp, 1.0-लीटर, टर्बो-पेट्रोल इंजन को इस तुलना से बाहर रखा गया है।
प्रतिद्वंदीयों की तुलना में रेनो ट्राइबर की कीमत?
ट्राइबर | गो+ | ग्रैंड i10 निओस | स्विफ्ट | फिगो | |
कीमत | 4.99-7.22 लाख रु. | 4.20-6.90 लाख रु. | 5.07-7.69 लाख रु. | 5.14-7.97 लाख रु. | 5.39-6.95 लाख रु. |
- इस लाइन-अप में सबसे सस्ती कार डैटसन गो+ है, इसके बेस वैरिएंट की कीमत 4.20 लाख रुपए है, जो कि ट्राइबर (लिस्ट में दूसरा सबसे किफायती मॉडल) के मुकाबले 79,000 रुपए सस्ती है। वहीं सबसे ज्यादा कीमत वाली मारुति सुजुकी स्विफ्ट है, जो अपने टॉप वैरिएंट डैटसन गो+ के टॉप वैरिएंट से 1.07 लाख रुपए और टॉप-स्पेक ट्राइबर से 75,000 रुपए महंगा है। सभी दिल्ली एक्स-शोरूम कीमते हैं।
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भारतीय यूजर्स के पास चीन के हर प्रतिबंधित ऐप का विकल्प मौजूद; 59 ऐप्स के रिप्लेसमेंट की पूरी लिस्ट देखिये
भारत सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा दिया। इनमें टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, हेलो और शेयर-इट जैसे ऐप्स शामिल हैं। ऐसे में इन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स के पास अब क्या विकल्प बचे हैं? उनके डाटा का क्या होगा? क्या चाइनीज ऐप्स के विकल्प के तौर पर दूसरे ऐप्स मौजूद हैं? यदि हैं तो वे कौन से ऐप्स हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो हर किसी के जेहन में चल रहे हैं। इनके जवाब हम एक्सपर्ट्स के जरिए दे रहे हैं।
सरकार ने जिन 59 ऐप्स पर बैन लगाया हैं, उनमें सबसे ज्यादा 18 ऐप्स यूटीलिटी कैटेगरी के हैं। 8 ऐप्स वीडियो शेयरिंग हैं। 6 सोशल मीडिया ऐप्स हैं।
खुद ही यूज बंद कर देना चाहिए
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के लाेकलाइजेशन डायरेक्टर और टेक एक्सपर्ट बालेन्दु शर्मा दाधीच कहते कि यूजर्स के पासबहुत सारे विकल्प हैं। इन सभी 59 ऐप्स के विकल्पगूगल प्ले स्टोरऔर iOS प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद हैं। लेकिन सबसे पहले आपको एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर इन्हें खुद ही यूज करना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अब ये ऐपगैरकानूनी हो चुके हैं।
- चीन के 59 ऐप्स और उनके विकल्प-
सरकार का आदेशकैसे लागू होगा?
- दाधीच के मुताबिकसरकार गूगल को प्ले स्टोर और एपल को अपने iOS प्लेटफार्म्स से इन ऐप्स को हटाने का निर्देश दे देगी। इसके बाद इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड(आईएसपी) को इन ऐप्स का डाटा ऐक्सस न करने देने और टेलीकॉम कंपनियों को इन्हें नेटवर्क नहीं मुहैया कराने का आदेश दे देगी। फिर यह ऐप्स काम करना पूरी तरह बंद कर देंगे।
ऐप्सका ऐक्सेस कैसे बंद होगा ?
- यूजर्स को जो कंपनियां इंटरनेट नेटवर्क देती हैं। जैसे- एयरटेल, जियो, बीएसएनल आदि। ये यूजर्स को दो तरीके से इंटरनेट नेटवर्क देती हैं। एक मोबाइल नेटवर्क के जरिए। दूसरा ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए।
- इन कंपनियों के नेटवर्क को यूजर्स को देने का काम इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड(आईएसपी) करते हैं। इन्हीं के जरिए पूरी दुनिया का डाटा आता है। यानी दुनिया के किसी भी देश से जो भी डाटा भारत आएगा, वो आईएसपी के जरिए ही आएगा। इसी तरह जो डाटा भारत से विदेश जाएगा, वो भी आईएसपी के जरिए ही जाएगा।
- सरकार के निर्देश के बाद किसी भी वेबसाइट या ऐप को बैन करने के लिए इंटरनेट कंपनियों को बस एक फिल्टर लगाना होता है। उसके बाद यूजर्स इस पर मौजूद कोई भी डाटा एक्सेस नहीं कर पाते हैं।
लोगों के पसर्नल डाटा का क्या होगा?
- चाइनीज ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स को अपने जरूरी डाटा और डॉक्यूमेंट्स काे जल्द ही अपने मोबाइल परडाउनलोड कर लेना चाहिए। क्योंकि अब एक से दो दिन में यह पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। और कोई चांस नहीं है।
- सभी ऐपकंपनियों के सर्वर चीन में हैं।यदि तकनीकी तौर पर येकंपनियां लोगों के डाटा डिलीट नहीं करती हैं, तो उनका डाटा डिलीट नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद यूजर्स अपने डाटा एक्सेस नहीं कर पाएंगे। यानी वे अपने वीडियो, फोटो, फाइल्स आदि को आगे देख नहीं पाएंगे।
क्या ऐपभी डिलीट हो जाएंगे?
- ऐपनहीं डिलीट होंगे, उन्हें आपको खुद डिलीट करना होगा। बस आप सर्वर तक नहीं पहुंच पाएंगे। यानी उन ऐपपर मौजूद आप अपने फोटो, वीडियो और अन्य फाइलें नहीं देख पाएंगे।
क्या जिनके मोबाइल में पहले से ऐपहैं, वे इन्हें यूज कर पाएंगे?
- बिल्कुल नहीं। ये पूरी तरह से बैन हो गए हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपने पहले डाउनलोड किया है या अब डाउनलोड किया है। अब कोई भी नागरिक भारत में इन ऐप्स को इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
चीनी ऐप्स किस तरह की प्राइवेसी को तोड़ रहे थे?
- चीन ऐप्स असुरक्षित थे। क्योंकि जब किसी ऐप को इंस्टॉल करते हैं, तो आप यह मंजूरी दे चुके होते हैं कि वो आपकी फोटो को, वीडियो को, संदेशों को, फाइलों को, डाटा को ऐक्सेस कर सकता है। इसके बाद वह आपके डाटा का क्या करता है, यह उस कंपनी पर निर्भर करता है।
- कुछ संस्थान बाकयदा अनुमति लेते हैं कि वे आपके डाटा का इस्तेमाल कर सकते हैं, कुछ संस्थान इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं लेते हैं। लेकिन कई कंपनियां बिना अनुमति के भी डाटा चोरी करती हैं।
- फिलहाल, भारत-चीन के बीच जो परिस्थिति है, उसमें चीनी कंपनियां हमारे डाटा का कुछ भी कर सकती हैं। चीन का पुराना रिकॉर्ड भी इस मामले में विश्वसनीय नहीं है। साइबर हमलों में भी वो माहिर हैं। इसलिए सरकार ने सोच समझकर फैसला किया है। क्योंकि इन ऐप्स का इस्तेमाल सरकार और सेना से जुड़े लोग भी करते हैं।
प्रोत्साहन मिले तो भारत में भी बन सकते हैं ऐसे ऐप
दाधीच कहते हैं कि चीन वैसे भी कोई सॉफ्टवेयर पॉवर नहीं है, वह बस हॉर्डवेयर का पॉवर है। अपने देश में भी ऐसे नए ऐप्स बन सकते हैं। बस थोड़ा आर्थिक प्रोत्साहन की जरूरत है। अभी हमारे यहां स्टार्टअप्स को बहुत संघर्ष करना पड़ता है। हमारे बहुत से सॉफ्टवेयर डेवलपर विदेशी कंपनियों के लिए काम करते हैं।
भारत में पहले से ही विदेशी ऐप मौजूद, इसलिए भी नहीं बनते
इसके अलावा हमारे यहां पहले से ही बहुत बड़ी संख्या मेंविदेशी ऐप्स मौजूद हैं, जो पाॅपुलर भीहैं, इसलिए भी देशी स्टार्टअप्स ऐसे ऐप्स नहीं बनाते हैं। जबकि चीन में अधिकतर विदेशी ऐप्स बैन हैं। इसके चलते वहां लोकल ऐप्स ज्यादा बनते हैं। वहां सरकार प्रोत्साहन भी ज्यादा देती है। लेकिन हमारे ऐप्स भी दुनिया में पाॅपुलर हो सकते हैं, बस थोड़ा नयापन लाना होगा। हमारे देश के कई ऐप्स बहुत पॉपुलर भी हैं, जैसे पेटीएम, शेयर चैट, फ्लिपकार्ट आदि।
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लाखों में कमाई करने वाले टिकटॉक स्टार्स अब देसी ऐप की तरफ कर रहे मूव, टिकटॉक बैन होने से दो हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में
चाइनीज ऐप टिकटॉक के बैन होने से दो हजार भारतीयों की नौकरी खतरे में आ गई है। भारत में टिकटॉक के डेवेलपर बाइटडांस में करीब 2000-2200 लोग काम करते हैं। वहीं, कई ऐसे टिकटॉक स्टार्स हैं, जो इस शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म के जरिए एक वीडियो से लाखों की कमाई करते हैं। हालांकि, टिकटॉक की तरफ से यह आश्वासन दिया गया है कि सरकार से बातचीत कर जल्द ही कुछ निष्कर्ष निकाला जाएगा। बता दें कि टिकटॉक के मजबूत बाजारों में से भारत एक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, TikTok के देश में लगभग 11.9 करोड़ यूजर्स थे।
टिकटॉक के एक कर्मचारी ने बताया कि हम सालों से टिकटॉक में काम करते हैं। अब नौकरी जाने का डर बना हुआ है। हालांकि, इस पर कंपनी की तरफ से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
अब क्या करेंगे टिकटॉक के स्टार्स ?
टिकटॉक के स्टार्स अब देसी शॉट वीडियो प्लेटफॉर्म रोपोसो (ROPOSO) और चिंगारी जैसे ऐप की तरफ मूव कर रहे हैं। रोपोसो के फाउंडर और InMobi Group के सीईओ नवीन तिवारी ने मनी भास्कर को बताया कि भारत-चीन विवाद के बाद से ही हमारे प्लेटफॉर्म रोपोसो पर यूजर्स की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले 10 दिनों में टिकटॉक के कई बड़े स्टार्स हमारे ऐप से जुड़े हैं। इनमें वरूण सोनी (टिकटाॅक पर 2.8M फाॅलोवर्स), पायल कोहली (टिकटाॅक पर 2.1M फाॅलोवर्स), उल्हास कमहटे (टिकटाॅक पर 6.8 M फाॅलोवर्स), अंसारी जीशान (टिकटाॅक पर 1.2M फाॅलोवर्स) जैसे टिकटॉक स्टार्स ने इस प्लेटफॉर्म को ज्वाइन किया है। कंपनी ने कहा कि हम टिकटॉक स्टार्स जिनके कंटेंट अच्छे होते हैं उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर टैलेंट शो करने का मौका देंगे। वे यहां से कमाई कर सकते हैं। बता दें कि रोपोसो भारतीय ऐप है और इसे टिकटॉक का सबसे बड़ा राइवल माना जाता है।
ब्रैंड भी कर रहे हैं देसी ऐप की ओरमूव
वहीं एक ब्रैंड के जानकार ने बताया कि कुछ बड़े ब्रैंड अब देसी ऐप को स्पान्सर्ड करेंगे। इनमें 5 बड़े ब्रैंड्स का रोपोसो से तो 2 ब्रैंड ने चिंगारी से डील करने को लेकर बातचीत की है। इन ब्रैंड्स का टिकटॉक स्टार्स के साथ डील है जो कि अब अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए स्पांसर करेगी।
टिकटाॅक पर मोटी रकम कमाने के कारण स्टार्स ने छोड़ी थी जाॅब
- इंग्लिश सिखाकर एक वीडियो से 1 लाख तक कमा लेते थे
मोटिवेशनल स्पीकर अव्वल (Awal TsMadaan) टिकटाॅक पर इंग्लिश बोलना सिखाते हैं। हिन्दी के शब्दों व वाक्यों को इंग्लिश में कैसे बोलते हैं, वे इस पर वीडियो बनाते हैं। टिकटाॅक पर अव्वल के 6 मिलियन (60 लाख) फाॅलोवर्स थे।
अव्वल ने मनी भास्कर से बातचीत में बताया कि वे पिछले एक साल से टिकटाॅक ऐप से जुड़े हुए हैं। इन्हें कई बड़ी कंपनियों ने स्पाॅन्सर किया है और इसके लिए उन्हें लाखों रुपए तक मिले हैं।
अव्वल बताते हैं, 'पहले मैं एक इंटरनेशनल एजेंसी में जाॅब करता था लेकिन टिकटाॅक पर अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद मैंने जॉब छोड़ दी और टिकटाॅक पर ही फुल टाइम देने लगा।'' वे बताते हैं कि जितनी सैलेरी उन्हें उस कंपनी में मिलती थी उससे तीन गुना ज्यादा रकम टिकटाॅक पर एक छोटी सी वीडियो से मिल जाती थी। अव्वल ने बताया इसके लिए कंपनियां आपके फॉलोवर्स और कंटेंट देखती हैं और फिर उसके मुताबिक उससे संबंधित कंपनी, एजेंसी, एनजीओ अपना प्रमोशन करवाती थी। अव्वल को कई एजुकेशनल ऐप व संस्थानों से ऐड मिलता था।
- ब्रैंड्स 1 मिनट के ऐड के 80 हजार रुपए तक देती थी गुंजन को
दिल्ली की रहने वाली गुंजन टिकटाॅक वीडियो के जरिए लोगों को हेल्थ के प्रति जागरूक करती थी। शुरुआत में उन्होंने यह काम शौकिया तौर पर किया, लेकिन बाद में वीडियो पर ऐड के लिए कॉन्टैक्ट्स मिलने लगे तब गुंजन ने इसमें बतौर करियर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने बातचीत में बताया कि मैं अभी एक मीडिया एजेंसी में काम करती थी, लेकिन टिकटाॅक पर टाइम नहीं पाने के कारण जाॅब से रिजाइन दे दिया था। उसके बाद से पूरा टाइम टिकटाॅक पर देती थी ताकि अधिक से अधिक कंपनियों के लिए वीडियो बना सकें। गुंजन को एक वीडियो के लिए कंपनी 20 से 30 हजार रुपए पेमेंट करती थी। गुंजन के मुताबिक, उन्हें हर दिन 4 से 5 कंपनियां अपने प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए अप्रोच करती थी। वे कहती हैं 'हर कंपनी अपने बजट के मुताबिक डील करती थी। छोटी कंपनियां एक ऐड वीडियो के 5 से 10 हजार रुपए तक देती हैं तो नाइका, वीवो, ओप्पो और पूमा जैसे ब्रांड 1 मिनट के ऐड के 80 हजार रुपए तक पेमेंट करने को तैयार रहती हैं।' टिकटॉक अकाउंट पर गुंजन के 3 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स थे।
कंपनी सरकार के सामने रखेगी अपना पक्ष- टिकटाॅक
टिकटॉक इंडिया के प्रमुख निखिल गांधी की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि हमने किसी भी भारतीय टिकटॉक यूजर की कोई भी जानकारी विदेशी सरकार या चीनी सरकार को नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि इस मसले को लेकर क्लियरिफिकेशन और जवाब के लिए संबंधित सरकारी पक्षों से मिलने के लिए बुलाया गया है।
भारतीय यूजर्स के डेटा अमेरिका और सिंगापुर के सेंटर्स में होते हैं
कंपनी के सूत्रों ने बताया कि ऐसे में निखिल सरकार के सामने भारतीय यूजर्स के डेटा शेयरिंग को लेकर बात रखेंगे क्योंकि कंपनी पहले से ही भारतीय यूजर्स के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाओं के विकल्पों की जांच के प्रोसेस पर काम कर रहा है। बाइटडांस पहले से ही भारत में एक डेटा सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है।
बाइटडांस के बयान के मुताबिक, भारत में हमारे प्लेटफॉर्म के लॉन्च के बाद से हमने अपने भारतीय यूजर्स के डेटा को अमेरिका और सिंगापुर के सेंटर्स में रखा है। भारतीय यूजर्स के डेटा का चीनी सर्वर से लेना देना नहीं है।
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सैमसंग ने लॉन्च की नई QLED 8K टीवी रेंज, प्री-बुकिंग करने पर मिलेंगे दो गैलेक्सी S20+ स्मार्टफोन
सैमसंग ने मंगलवार को भारत में प्रीमियम फीचर्स से लैस 2020 लाइफस्टाइल टेलीविजन का नया पोर्टफोलियो लॉन्च किया। इसमें 'द सेरिफ' और 2020 QLED 8K TV लाइन शामिल हैं। सेरिफ तीन साइज में उपलब्ध होगी। इसके 43-इंच मॉडल की कीमत 83900 रुपए, 49-इंच मॉडल की कीमत 1,16,900 रुपए जबकि 55-इंच मॉडल की कीमत 1,48,900 रुपए हैं। कंपनी ने बताया कि सेरिफ 8 जुलाई से 17 जुलाई तक अमेजन पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।
QLED 8K टीवी: भारत में कीमत
कंपनी ने सैमसंग की हाई-एंड QLED 8K टीवी की नई रेंज भी लॉन्च की है। इसके 65 इंच मॉडल की कीमत 4.99 लाख रुपए, 75 इंच मॉडल की कीमत 9.99 लाख रुपए, 82 इंच मॉडल की कीमत 14.29 लाख रुपए जबकि 85 इंच मॉडल की कीमत 15.79 लाख रुपए है। 2020 QLED 8K टीवी रेंज इंडस्ट्री-लीडिंग पिक्चर क्वालिटी, ब्रीद टेकिंग डिजाइन और स्मार्ट कैपेबिलिटी के साथ आएगी।
प्री बुक करने पर दो गैलेक्सी S20 प्लस स्मार्टफ़ोन मिलेंगे
प्री-बुकिंग 1-10 जुलाई तक की जा सकेगी। QLED 8K टीवी की प्री-बुकिंग पर वाले ग्राहकों को अल्ट्रा-प्रीमियम टीवी के साथ दो गैलेक्सी S20 प्लस स्मार्टफ़ोन मिलेंगे। कंपनी ने कहा कि यूजर QLED 8K टीवी पर 15,000 रुपए का कैशबैक भी ले सकते हैं।
10 साल की स्क्रीन बर्न-इन वारंटी मिलेगी
सेरिफ़ और QLED 8K टीवी 10 साल की स्क्रीन बर्न-इन वारंटी, एक साल की कॉम्प्रिहेन्सिव वारंटी और पैनल पर एक साल की अतिरिक्त वारंटी के साथ आएंगे।
यूजर तक पहुंचाता है मीनिंगफुल साउंड
कंपनी के अनुसार, ध्यान भंग करने वाले शोरों का पता लगाने और रियल टाइम में वॉल्यूम और क्लैरिटी को ऑटोमैटिक एडजस्ट करने से, द सेरिफ एक्टिव वॉयस एम्पलीफायर (AVA) फीचर के साथ मीनिंगफुल आवाज़ पर फोकस करता है। यह यूजर को QLED स्क्रीन पर वीडियो और म्यूजिक चलाने, आईफोन, आईपैड और मैक से तस्वीरें शेयर करने की सुविधा देता है।
8K QLED टीवी में 33 मिलियन पिक्सल मिलते हैं
कंपनी ने द सेरिफ़ टीवी में ही एलेक्सा और बिक्सबी जैसे वॉयस असिस्टेंट को इंटीग्रेट कर दिया है ताकि यूजर को बेहतर वॉयस कंट्रोल कैपेबिलिटी मिल सके। सैमसंग 8K QLED टीवी में 33 मिलियन पिक्सल, 4K यूएचडी टीवी के चार गुना रेजोल्यूशन और फुल एचडी टीवी से 16 गुना रेजोल्यूशन मिलता है।
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चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगने के बाद चिंगारी ऐप को लगभग एक लाख लोगों ने डाउनलोड किया, हर घंटे मिल रहे 20 लाख व्यूज; आनंद महिंद्रा भी हुए फैन
सोमवार को भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया है। जिसके बाद अब यूजर्स के बीच टिकटॉक के इंडियन वर्जन चिंगारी ऐप को डाउनलोड करने की होड़ सी लगगई है। टिकटॉक पर बैन लगने के कुछ समय बाद ही चिंगारी को लगभग एक लाख लोगों ने डाउनलोड किया और हर घंटे ऐप पर 20 लाख व्यूज मिल रहे हैं।
भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद भड़की चीनी विरोधी भावनाओं के कारण इसकी लोकप्रियताबढ़ती चली गई। पहले ही इसे 30 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। ऐप को बेंगलुरु स्थित प्रोग्रामर बिस्वत्मा नायक और सिद्धार्थ गौतम ने पिछले साल तैयार किया था, जो अब गूगल प्ले स्टोर पर टॉप पर चल रही है। इसने टिकटॉक की क्लोन कही जाने वाली मित्रों ऐप को भी पीछे छोड़ दिया है।
उम्मीद से अधिक ट्रैफिक मिल रहा है- नायक
- नायक ने कहा, चूंकि यह बात अब लोगों को पता चल गई है कि भारतीयों के पास अब टिकटॉक का एक देसी और अधिक मनोरंजक विकल्प है, इसलिए हम अपने ऐप पर उम्मीद से अधिक ट्रैफिक दर्ज कर रहे हैं।"
- नायक ने आगे बताया कि- चिंगारी नए बेंचमार्क सेट कर रहा है, बहुत सारे निवेशक हमारे ऐप में रुचि दिखा रहे हैं। हम अपने फ्री-ऑफ-कॉस्ट सोशल प्लेटफॉर्म को बड़ा करने के लिए बोर्ड पर एक अच्छा निवेशकोंको प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
आनंद महिंद्रा ने भी डाउनलोड किया ऐप
- उद्योगपति आनंद महिंद्रा "जिन्होंने कभी टिकटॉक यूज नहीं किया, ने भी चिंगारी को डाउनलोड किया और इसके बारे में ट्वीट करते हुए कहा, "आपसे अधिक शक्ति"।
ऐप पर मिलती है कई तरह की सुविधाएं
- चिंगारी यूजर्स को वीडियो डाउनलोड और अपलोड करने, दोस्तों के साथ चैट करने, नए लोगों के साथ बातचीत करने, कंटेंट शेयर करने और फीड के माध्यम से ब्राउज़ करने की अनुमति देता है। चिंगारी यूजर्स को व्हाट्सएप स्टेटस, वीडियो, ऑडियो क्लिप, जीआईएफ स्टिकर और फोटो के साथ क्रिएटिव होने का अवसर मिलता है।
10 भाषाओं में उपलब्ध, वीडियो वायरल होने पर भुगतान भी करता है ऐप
- यह ऐप अंग्रेजी, हिंदी, बंगला, गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तमिल और तेलुगु जैसे भाषाओं में उपलब्ध है। चिंगारी कंटेंट क्रिएटर के वीडियो वायरल होने के आधार पर उन्हें भुगतान भी करता है।
- ऐप पर अपलोड किए गई हर वीडियो पर यूजर को व्यूज के हिसाब से पॉइंट्स मिलते हैं, इन पॉइंट्स को बाद में पैसों में बदला जा सकता है। ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
- चिंगारी ऐप के को-फाउंडर और चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर सुमित घोष ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि- लंबे समय से टिकटॉक यूजर्स की जासूसी कर रहा था और चीन को डेटा वापस भेज रहा था। हम खुश हैं कि आखिरकार यह कदम उठाया गया है।
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India Bans Nearly 60 Chinese Apps, Including TikTok and WeChat
By Maria Abi-Habib from NYT World https://ift.tt/3dKg82k
‘Our Luck May Have Run Out’: California’s Case Count Explodes
By Shawn Hubler and Thomas Fuller from NYT U.S. https://ift.tt/3ePoVl6
पिछले 19 महीने में वोडा-आइडिया ने 11.613 करोड़ ग्राहकों को खोया, 32.907 करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथ एयरटेल दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनी
दो साल से भी कम समय में वोडाफोन आइडिया ने 11.613 करोड़ ग्राहकों को खो दिया है और 32.5 करोड़ यूजर बेस के साथ कंपनी तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। इसी अवधि के दौरान, रिलायंस जियो ने अपने यूजर बेस को मजबूत किया और भारती एयरटेल ने अपनी बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने में कामयाबी हासिल की। रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया ने 19 महीने में बीएसएनएल के वायरलेस यूजर बेस की तुलना में अधिक ग्राहकों को खो दिया है।
2018 में वोडा-आइडिया का संयुक्त यूजर बेस 44.165 करोड़ था
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, बीएसएनएल का वायरलेस सब्सक्राइबर बेस अगस्त 2018 के अंत में 11.358 करोड़ था। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का 31 अगस्त, 2018 को विलय हो गया था और विलय के बाद इनका संयुक्त यूजर बेस 44.165 करोड़ हो गया। इसी दौरान, भारती एयरटेल का यूजर बेस 34.588 करोड़ था, जबकि रिलायंस जियो का 23.923 करोड़ था। अगस्त 2018 तक वोडाफोन आइडिया 37.85% शेयर के साथ बाजार में आगे था, इसके बाद एयरटेल 29.64% और रिलायंस जियो 20.50% पर था। बीएसएनएल का वायरलेस शेयर 9.73% था।
19 महीने में बदल गई बाजार की तस्वीर
- लेकिन 19 महीनों के बाद, बाजार की गतिशीलता पूरी तरह से बदल गई है। फरवरी 2020 तक रिलायंस जियो ने 32.99% की वायरलेस बाजार हिस्सेदारी हासिल की, इसके बाद एयरटेल 28.35% और वोडाफोन आइडिया के 28.05% पर पहुंच गया। बीएसएनएल की हिस्सेदारी बढ़कर 10.32% हो गई।
- फरवरी 2020 में, रिलायंस जियो ने अपने बेस को 38.282 करोड़ तक बढ़ाने के लिए 62.5 लाख वायरलेस सब्सक्राइबर जोड़े, जबकि एयरटेल ने 922,946 यूजर्स को जोड़ कर अपने ओवरऑल बेस को 32.907 करोड़ तक पहुंचाया। वोडाफोन आइडिया ने 34.6 लाख ग्राहक खो दिए और फरवरी में इसका बेस 32.552 करोड़ था।
- फरवरी के अंत में बीएसएनएल ने भी 4,39,318 ग्राहकों को जोड़कर अपने बेस को बढ़ाकर 11.968 करोड़ कर दिया।
ब्रॉडबैंड यूजर्स को भी जोड़ने में पिछड़ रहा वोडा-आइडिया
- वोडाफोन आइडिया वायरलेस ब्रॉडबैंड यूजर्स को भी जोड़ने में पिछड़ रहा है। कंपनी के 11.823 करोड़ ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं, जो उद्योग में सबसे कम है। इसके विपरीत, जियो के 38.283 करोड़ ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं क्योंकि कंपनी पूरी तरह से 4G ऑपरेटर है जबकि एयरटेल के पास फरवरी 2020 तक 14.365 करोड़ वायरलेस ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं।
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Trump Got Written Briefing in February on Possible Russian Bounties, Officials Say
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Coronavirus Live Updates: States Pause Plans to Reopen as Cases Soar
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Another Fatal Shooting in Seattle’s ‘CHOP’ Protest Zone
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Trump Shares Video of Armed White Couple Confronting Protesters
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The Reality Behind ‘Below Deck’
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‘Feeling Like Death’: Inside a Houston Hospital Bracing for a Virus Peak
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Patriots Sign Cam Newton as N.F.L. Levies Fine in Video Scandal
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Two Friends in Texas Were Tested for Coronavirus. One Bill Was $199. The Other? $6,408.
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Bagged Salads Recalled After Hundreds Are Sickened in the Midwest
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Supreme Court Strikes Down Louisiana Abortion Law, With Roberts the Deciding Vote
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Reddit, Acting Against Hate Speech, Bans ‘The_Donald’ Subreddit
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Tiktok का विकल्प robosco और Mitron ऐप, ब्यूटी प्लस और यू कैम परफेक्ट की जगह इंडियन सेल्फी कैमरा और शेयर इट की बजाय जेड शेयर का कर सकते हैं भारतीय यूजर्स इस्तेमाल
गलवान घाटी पर भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सोमवार को केन्द्र सरकार ने चीन पर डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक किया है। सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर रोक लगाने का फैसला लिया है। सरकार ने इन ऐप्स से भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा बताया है।
बता दें कि भारत में इन ऐप्स के करोड़ों में यूजर्स हैं। लेकिन इन यूजर्स के पास अब चीनी ऐप्स की जगह भारतीय यानी की देसी ऐप्स के विकल्प भी मौजूद हैं। हम आपको बता रहे हैं कुछ मशहूर चीनी ऐप्स के विकल्प के तौर पर भारतीय ऐप्स के बारे में....
टिकटॉक के विकल्प में Roposo App
Roposo एक भारतीय वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, जहां यूजर्स वीडियो और इमेज शेयर करते हैं। इस ऐप को साल 2014 में 19 नवंबर को रिलीज किया गया था और ऐप के लेटेस्ट वर्जन को 10 जून, 2020 को रिलीज किया गया है। टिकटॉक के विकल्प में भारतीय यूजर्स के पास Roposo ऐप है। शुरू से ही इस ऐप को टिकटॉक का प्रतिद्वंदी माना जाता रहा है। खास बात ये है कि सरकार का सिटीजन इंगेजमेंट प्लेटफॉर्म MyGovIndia भी इसका हिस्सा है। यूजर्स अब इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ये ऐप एंड्रॉयड और iOS दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद है। यह 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस ऐप को IIT दिल्ली के तीन छात्रों ने तैयार किया था। गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप को 50 मिलियन से भी ज्यादा डाउनलोड्स मिले हैं.
टिकटॉक की तरह ही पैसे कमाने का जरिया है यह ऐप-
यह एप्लीकेशन आपको पॉइंट्स के रूप में पैसे देता है। इसमें 10,000 पॉइंट के 10 रुपए मिलते हैं। जब आपके खाते में 5,000 पॉइंट हो जाते है तो आप इनको अपने पेटीएम में ट्रांसफर कर सकते है।
टिक टॉक के टक्कर में लॉन्च हुआ था स्वेदशी एप 'मित्रों'
टिकटॉक को टक्कर देने के लिए हाल ही में स्वदेशी एप मित्रों को लॉन्च किया गया था। खास बात यह है कि इसे भारी संख्या में लोगों ने डाउनलोड भी किया। अभी तक 50 लाख से अधिक लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है। मित्रों एप को आईआईटी, रुड़की के एक छात्र शिवांक अग्रवाल ने तैयार किया है।
पहली नजर में देखने पर मित्रों एप आपको टिकटॉक जैसा ही नजर आएगा। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि मित्रों टिकटॉक एप का क्लोन है। मित्रों एप ने गूगल प्ले स्टोर पर टॉप फ्री चार्ट में टॉप-10 की लिस्ट में जगह बनाया है। इस एप में आपको टिकटॉक के सभी फीचर्स नहीं मिलेंगे। इस ऐप को प्ले-स्टोर पर 4.7 की रेटिंग्स मिली है। यह ऐप फिलहाल सिर्फ एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध है।
चीनी ऐप शेयर इट के विकल्प में देसी ऐप Z share
जेड शेयर एप (Z share App) भारत में शनिवार को लांच किया गया है। यह शेयर इट का विकल्प है। इसके जरिए यूजर्स आसानी से फाइल को शेयर कर सकते हैं। इसके जरिए वीडियो, डाक्यूमेंट्स, गाने आदि को आप भेज सकते हैं। इस एप को श्रवण हेगड़े ने लांच किया है। वे उत्तर कन्नडा जिले से हैं। 21 वर्षीय हेगड़े कर्नाटक यूनिर्वसिटी के छात्र हैं। इस एप को अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। पहले 24 घंटे में 5,000 लोगों ने इसे डाउनलोड किया।
चीनी ऐप HELO के विकल्प में भारत का ShareChat
शेयर चैट (ShareChat) ऐप एक सोशल प्लेटफॉर्म है। यह चाइना के हेलो ऐप के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। शेयर चैट इंडियन इेप है। इसका इस्तेमाल जोक, एंटरटेनमेंट, मनपसंद इमेजेज, वीडियो देखने के लिए किया जाता है। शेयर चैट हिंदी समेत अन्य 15 भारतीय भाषाओं में यूजर के लिए उपलब्ध है। इसमें यूजर को अपना एक प्रोफाइल बनाना होता है और उस प्रोफाइल के जरिए अपने फोटोस वीडियोज को अपने शेयर चैट फ्रेंड के साथ शेयर किया जा सकता है। इसके जरिए आप दूसरे यूजर को फॉलो कर सकते हैं। यह Android यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इस ऐप को आईआईटी-कानपुर के छात्र अंकुश सचदेव ने साल 2015 में तैयार किया था।
चीन के CamScanner ऐप कीजगह भारतीय ऐप Adobe Scan
एडॉब स्कैन (Adobe Scan) यह कैम स्कैनर का एक बेहतरीन विकल्प है। हालांकि यह भारतीय विकल्प नहीं है, पर चीन के विकल्प के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। इस कैटिगरी में यह एक ट्रस्टेड ऐप है। आप इसे फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं और अपने डाक्यूमेंट को स्कैन कर सकते हैं। इसे ओसीआर जैसी टेक्नोलॉजी पर इंटीग्रेट किया हुआ है।
VivaVideo की जगह Photo Video Maker का करें इस्तेमाल
चीनी ऐप VivaVideo भारत में काफी लोकप्रिय ऐप है। हालांकि अब इसके विकल्प में भारतीय यूजर्स Photo Video Maker का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस फोटो और वीडियो एडिटिंग ऐप है। इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
BeautyPlus और YouCam Perfect की जगह Indian Selfie Camera का करें इस्तेमाल
अब आप चीनी ऐप BeautyPlus और YouCam Perfect की जगह Indian Selfie Camera ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह चीनी ऐप को टक्कर देने के मकसद से ही तैयार किया गया था। इस ऐप के जरिए यूजर फोटो को मनपसंद तरीके से एडिट करके फ्रेड्स के साथ शेयर कर सकते हैं। गूगल प्ले पर इसका रेटिंग 4.8 है।
अब UC Browser की जगहजियो ब्राउजर का करें इस्तेमाल
जियो ब्राउजर (Jio Browser) इसे यूसी ब्राउजर के विकल्प के रूप में देख सकते हैं। यह सबसे तेज और सुरक्षित ब्राउजर एप है। यह ऐप खबरों और मनोरंजन के कंटेंट भी मुहैया कराता है।
भारत-चीन विवाद के बाद कंपनियों ने भारतीय ऐप बनाने पर काम शुरू कर दिया है
बता दें कि जब से चीन और भारत के बीच तनाव शुरू हुआ है, तभी से कुछ कंपनियों वे इसकी तैयारी कर दी थी। अभी तक देशी एप्लीकेशन में बोलो इंडिया, टिक किक जैसे एप लोकप्रिय हैं। टिकटॉक जब लांच हुआ था, तब उसके पहले महीने में 5 मिलियन एप डाउनलोड हुए थे। लेकिन अब टिकटॉक के डाउनलोड में कमी आई है। अप्रैल में इसका डाउनलोड 23.5 मिलियन रहा है जो जून में घटकर 13.9 मिलियन पर आ गया है। पबजी का नया डाउनलोड 9.9 मिलियन अप्रैल में था जो जून में 6.6 मिलियन पर आ गया। बिगो में भी गिरावट दिखी और सका 2.5 मिलियन से घटकर 1.8 मिलियन डाउनलोड हो गया है।
उधर, भारत के एप चिंगारी को अब तक 5 मिलियन लोगों ने डाउनलोड किया है। इसके अलावा जी एंटरटेनमेंट ने भी तनाव के माहौल को देखते हुए इस तरह के एप की शुरुआत की बात कही है। उसके जी 5 चैनल इस नई सर्विस पर काम कर रहा है।
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Monday, 29 June 2020
एंटरटेनमेंट, डेटा शेयरिंग, फोटो एडिटिंग तक के लिए हम चीनी ऐप्स पर निर्भर; टिकटॉक, पबजी, यूसी ब्राउजर से लेकर जूम तक सब चाइनीज
गलवान घाटी पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए, जिसके बाद देश में चीनी विरोधी भावनाओं ने एक बार फिर तुल पकड़ लिया है। लोग चीनी वस्तुओं का बायकॉट कर स्वदेशी चीजों को अपने के लिए कवायद कर रहे हैं। सैंकड़ों भारतीय रोजाना कई चीनी ऐप्स इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इन ऐप्स पर भी खतरा मंडरा रहा है। हमारे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कितनी ऐप्स चीनी है। आइए जानते हैं भारत में पॉपुलर और अच्छा कारोबार करने वाली चीनी ऐप्स...
1. टिकटॉक
टिकटॉक भारत में काफी पॉपुलर है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने इसका नाम नहीं सुना होगा। यह एक शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है, जो एक मिनट तक के वीडियो बनाने और उन्हें लोगों के साथ शेयर करने की अनुमति देता। ऐसे में कई लोग प्रोफेशनलीतो कई लोग सिर्फ मनोरंजन के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके चाहने वालों में विराट कोहली, शिल्पा शेट्टी जैसी समेत कई भारतीय सेलिब्रिटी भी शामिल हैं। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइट डांस है, जिसकी कई ऐप्स भारत में सक्रिय है। टिकटॉक भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के 150 बाजारों में लगभग 39 भाषाओं में उपलब्ध है। दुनियाभर में इसके करीब 40 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। जिसमें से करीब 41 फीसदी यूजर्स की उम्र 16 से 24 साल के बीच है।
2. पबजी मोबाइल
पबजी मोबाइल एक पॉपुलर बैटल रॉयल गेम है और इस भारत का सबसे पसंदीदा मोबाइल गेम कहना गलत नहीं होगा। इसमें चार लोग टीम बनाकर साथ खेल सकते हैं। इसमें मल्टिपल गेम मोड्स मिलते हैं। लॉकडाउन के दौरान इसे खूब पसंद किया गया क्योंकि इस घर पर रहकर ही दोस्तों के साथ खेला जा सकता है। इस कारण इसकी डिमांड में भी काफी इजाफा हुआ। गूगल प्ले स्टोर पर इसने टॉप 5 गेम्स में अपनी जगह बनाई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की पहली तिमाही में पबजी मोबाइल के 60 करोड़ डाउनलोड्स और 5 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, मई में पबजी मोबाइल $226 मिलियन (लगभग 1.7 हजार करोड़ रुपए) रेवेन्यू के साथ दुनिया का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाला मोबाइल गेम रहा।
3. UC ब्राउजर
नाम से ही पता चलता है कि यह एक मोबाइल ब्राउजर है। इसे UCWeb ने डेवलप किया है, जिसका चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ने अधिग्रहण कर लिया है। गूगल क्रोम के बाद यह भारत का सबसे लोकप्रिय ब्राउजर में से एक है। स्टेटकाउंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ब्राउजर मार्केट शेयर में इसका 12.59 फीसदी हिस्सा है। 2017 में UC ब्राउजर पर डाटा चोरी का आरोप भी लग चुका है। इसके कारण ऐसे इसे कुछ समय के लिए गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था।
4. हेलो
हेलो एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म है, जिसे जून 2018 में चीनी स्टार्टअप कंपनी बाइटडांस ने लॉन्च किया था। हेलो ऐप भारत में बनी शेयरचैट ऐप का ही सक्सेसफुल चीनी वर्जन है। इसमेंएंटरटेनमेंट, पॉलिटिक्स, पैरेंटिंग और फार्मिंग जैसे टॉपिक्स की जानकारी मिलती है। इसमें हिंदी, तमिलमाराठी, गुजराती समेत कई भारतीय भाषाओं का सपोर्ट मिलता है।
5. शेयर इट
यह एक पॉपुलर फाइल शेयरिंग ऐप है, जो दो डिवाइस के बीच आसानी से फाइल शेयरिंग करने की सुविधा देती है। इसेफोन से कम्प्यूटर के बीच फाइल शेयर करने के लिए भी यूजकिया जा सकता है। जुलाई 2019 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने भारत में अपना कामकाज 2015 में शुरू किया था। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इसका ऑफिस सिंगापुर में स्थित है। 2019 में दुनियाभर में इसके 180 करोड़ यूजर्स हैं जबकि भारत और इंडोनेशिया में 60 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। कंपनी अब शॉर्ट वीडियो, मूवी जैसे हाई क्वालिटी कंटेंट भी मुहैया करा रही है।
6. ज़ेंडर
फोटो, वीडियो, ऐप हो या कोई अन्य डॉक्युमेंट इन्हें एक दूसरे से ट्रांसफर करने के लिए हम अक्सर जे़ंडर ऐप का इस्तेमाल करते हैं। यह भी शेयरइट की तरह ही काम करता है। इसमें यूजर दो से ज्यादा डिवाइस आपस में कनेक्ट कर सकते हैं। कंपनी की स्थापना 2011 में हुई थी और अब दुनियाभर में इसके 70 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। इसे फोन और कम्प्यूटर के साथ स्मार्ट टीवी से भी कनेक्ट किया जा सकता है।
7. ब्यूटी प्लस
सोशल मीडिया पर खूबसूरत दिखने की होड में भारतीयों ने धड़ल्लें से ब्यूटी प्लस ऐप का इस्तेमाल किया। इसे चीन के Meitu कंपनी ने डेवलप किया है, जिसकी ब्यूटी प्लस समेत कई फोटो एडिटिंग ऐप्स भारतीय बाजार में सक्रिय है। ब्यूटी प्लस एक फोटो एडिटर और सेल्फी फिल्टर ऐप है। यह यूजर को इमेज एडिट करने, फोटो में इफेक्ट देने और सेल्फी लेते समेत कई तरह के फिल्टर्स इस्तेमाल करने की सुविधा देती है। Meitu की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2019 तक दुनियाभर के 188 करोड़ डिवाइस में Meitu के प्रोडक्ट एक्टिवेट थे। वहीं भारत समेत 15 ऐसे देश है जहां इसके यूजर्स की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा थी। मई 2019 में ब्यूटी प्लस ऐप ने 50 करोड़ यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया था।
8. कैम स्कैनर
यह डॉक्यूमेंट स्कैनिंग ऐप भारत में काफी पॉपुलर हुई। यहइमेज और डॉक्यूमेंट स्कैन कर उस पीडीएफ फाइल में कन्वर्ट करने की सुविधा देता है, जिसे कहीं भी आसानी से भेजा जा सकता है। इसे सीसी इंटेलिजेंस कॉर्पोरेशन ने डेवलप किया है। इसके कैम स्कैनर, कैम कार्ड समेत कई प्रोडक्ट बाजार में मौजूद हैं। कंपनी का कहना है कि दुनियाभर के 10 करोड़ से ज्यादा लोग उसके प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं। कैमस्कैनर कुछ समय के लिए विवादों में भी रही, जब एक मालवेयर के कारण इसे प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कैम स्कैनर के 10 करोड़ यूजर्स हैं। इस ऐप को 200 से ज्यादा देशों में 37 करोड़ डिवाइस में डाउनलोड किया जा चुका है।
9. UVideo
यह एक पॉपुलर वीडियो स्टेट्स ऐप है। इसमें यूजर अपनी फोटो और वीडियो से वीडियो स्टेट्स बना सकते हैं, जिसे सोशल मीडिया ऐप जैसे वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक स्टोरीज बनाया जा सकता है। यह यूजर को आसान इंटरफेस प्रदान करता है जिससे वे वीडियो एडिट और क्रिएट कर सकते हैं। इसे KWAI.XYZ STUDIO कंपनी ने तैयार किया है और प्लेस्टोर पर अबतक इसके 5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड्स पूरे हो चुके हैं।
10. जूम ऐप
यह एक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग ऐप है। इसके फ्री वर्जन में 100 लोग एक साथ वीडियो मीटिंग कर सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान ऑफिस मीटिंग हो या दूर बैठे दोस्तों-रिश्तेदारों से बात करना हो। भारतीयों ने इस ऐप को धड़ल्ले से इस्तेमाल किया। ऐप पर डेटा चोरी कर अन्य कंपनियों के साझा करना का आरोप लगा तब यह विवादों में आई। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार नेएडवायजरी जारी कर ऐप इस्तेमाल न करने के लिए कहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में जनवरी से लेकर मार्च तक इसके यूजर 1 करोड़ से 20 करोड़ तक पहुंच गए थे। कंपनी ने बताया कि लगभग 200 देशों के 90 हजार से ज्यादा स्कूलों में इसी ऐप के जरिए पढ़ाई हो रही है।
अन्य चीनी ऐप्स जो भारत में सक्रिय है....
11. वीमेट
यह भी टिकटॉक की तरह ही शॉर्ट वीडियो शेयरिगं प्लेटफार्म है, जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था, हालांकि यह टिकटॉक की तरह पॉपुलर नहीं हो पाया। बावजूद भारत में इसके 5 करोड़ यूजर्स हैं।
12. वीगो वीडियो
वीगो वीडियो भी भारत में काफी पॉपुलर शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है। इसका लाइट वर्जन ही बाजारा में वीगो लाइट नाम से मौजूद है। टिकटॉक की तरह इनकी पैरेंट कंपनी भी बाइटडांस है। हालांकि कंपनी वीगो वीडियो और वीगोलाइट की सर्विस 31 अक्टूबर को भारत में बंद करने जा रही है। कंपनी ने इसके यूजर्स को सारा कंटेंट टिकटॉक पर शिफ्ट करने के लिए कहा है।
13. क्लैश ऑफ किंग्स
यह एक पॉपुलर गेमिंग ऐप है, जिसमें मल्टीपल यूजर्सऑनलाइन गेम खेल सकते हैं।इसे Elex Tech कंपनी ने 2014 में तैयार किया था। गूगल प्ले स्टोर पर इसके 5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड्स हो चुके हैं।
14. क्लब फैक्ट्री
यह चीनी ई-कॉमर्स ऐप है, जिसने 2016 में भारत में अपना कारोबार शुरू किया। इस पर ज्वैलरी, होम डेकोर, हैंड बैग, ब्यूटी समेत कई कैटेगरी के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। जनवरी 2020 में इसे 10 करोड़ एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया था।
15. वीचैट
यह चीनी मैसेजिंग और सोशल मीडिया ऐप है। प्ले स्टोर पर दी गई जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में इसके 100 करोड़ यूजर्स हैं। इस पर चैट और ग्रुप वीडियो कॉल समेत कई तरह की सुविधा मिलती हैं। कंपनी ने भारत में वीचैट-पे डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी शुरू कर चुकी है।
16. टर्बो VPN
टर्बो VPN एक चीनी VPN प्रोवाइडर टूल है। यह फ्री ऐप है। इस कुछ हद तक सुरक्षित माना जा सकता है क्योंकि इसे इस्तेमाल करने के लिए किसी प्रकार केसब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती। कंपनी के मुताबिक दुनियाभर में ऐप के 30 करोड़ यूजर्स हैं।
17. ऐप लॉक
ऐप लॉक भी भारत में काफी पुराने और लोकप्रिय ऐप है। इस 2012 में लॉन्च किया गया है। कंपनी के मुताबिक 150 देशों में इसे 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स इस्तेमाल करते हैं। यह 32 भाषाओं में उपलब्ध है। इससे किसी भी ऐप को पासवर्ड प्रोटेक्ट किया जा सकता है।
18. फ्लैश कीबोर्ड
यह चीनी ऐप कीबोर्ड कस्टमाइज करने की सुविधा देती है। इसमें कीबोर्ड के लिए कई तरह की थीम और इमोजी उपलब्ध है। ऐप सेकिसी फोटो को भी कीबोर्ड बैकग्राउंड बनाया जा सकता है।हालांकि प्ले स्टोर पर इसके 50 हजार से अधिक डाउनलोड्स ही हैं।
19. लाइक
टिकटॉक, वीगो ऐप की तरह लाइक भी शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप है। इसके ज्यादातर यूजर्स भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। इसमें कई सारे स्टीकर्स और म्यूजिक मैजिक फिल्टर्सके जरिए वीडियो बनाने की सुविधा मिलती है।
20. क्लीन मास्टर
क्लीन मास्टर चीनी ऐप है, जो फोन से जंक फाइल हटाकर डिवाइस की परफॉर्मेंस बेहतर कर स्टोरेज फ्री करताहै। कंपनी का दावा है कि इसके प्रीमियम वर्जन सेडिलीट हो चुकी फाइल भी वापस लाई जा सकती है। इसे चीनी कंपनी cheetahमोबाइल ने डेवलप किया है।
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Mississippi Lawmakers Vote to Retire State Flag Rooted in the Confederacy
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Florida’s Covid Cases Up Fivefold in 2 Weeks: ‘The Numbers Are Scary’
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स्नैप इंक 4 जुलाई को भारत में लॉन्च करेगी दो स्मार्ट सनग्लासेस, इनसे वीडियो-फोटो कैप्चर कर सीधे स्नैपचैट पर अपलोड किए जा सकेंगे
स्नैपचैट ऐप बनाने वाली कंपनी स्नैप इंक भारत में 4 जुलाई को अपने स्मार्ट सनग्लासेस - स्नैप स्पेक्टकल्स 2 और स्पेक्टकल्स 3 लॉन्च करेगी। कंपनी ने दोनों चश्मों को आधिकारिक तौर पर भारतीय वेबसाइट पर लिस्ट कर दिया है। स्नैप स्पेक्टकल्स 2 की कीमत 14,999 रुपए जबकि स्नैप स्पेक्टकल्स 3 को 29,999 रुपए होगी।
फ्लिपकार्ट से खरीदा जा सकेगा
- दोनों ही स्नैप स्पेक्टकल्स 2 और स्नैप स्पेक्टकल्स 3 को फ्लिपकार्ट से खरीदा जा सकेगा। फ्लिपकार्ट पर भी इन्हें कीमत और 4 जून की लॉन्चिंग डेट के साथ लिस्ट किया जा चुका है। स्नैप इंक (पहले स्नैपचैट के रूप में जाना जाता है) के इन स्मार्ट ग्लास को क्रमशः 2018 और 2019 में लॉन्च किया गया था। पहला चश्मा नवंबर 2017 में सीमित उपलब्धता के साथ लॉन्च किया गया था, और फरवरी 2017 में यह ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध हो गया था।
75 मिनट में होगा है चार्ज
- चश्मे की सबसे खास बात यह है कि यह बिल्ट-इन कैमरा है। इस कैमरे से यूजर चश्मे से ही फ़ोटो और वीडियो कैप्चर कर सीधे अपने स्नैपचैट अकाउंट पर अपलोड कर सकेंगे। यूजर कैप्चर किए गए कंटेंट को आसानी से इसकी आईओएस या एंड्रॉयड ऐप के साथ सिंक कर सकते हैं। यह 4 जीबी स्टोरेज के साथ आता है, जिसमें आसानी से 100 वीडियो या 1200 फोटो रिकॉर्ड किए जा सकते हैं। चश्मों की बैटरी को 75 मिनट में यूएसबी टाइप-सी केबल से चार्ज किया जा सकता है।
इसमें एचडी कैमरा लगा है
- हार्डवेयर के बारे करें तो स्पेक्टकल्स 3 में कंपनी ने एक सेकेंडरी एचडी कैमरा जोड़ा है। यह डेप्थ कैप्चर करने के लिए अतिरिक्त कैमरे का उपयोग करता है। कंपनी ने नए उपलब्ध डेप्थ डेटा के साथ जाने के लिए कई 3D इफेक्ट का भी निर्माण किया।
इन कलर में उपलब्ध होंगे सनग्लासेस
- स्पेक्टकल्स 3 कार्बन, और मिनरल कलर में जबकि स्पेक्टकल्स 2 ओनिक्स एक्लिप्स, रूबी सनसेट और सप्पायर मिडनाइट कलर में उपलब्ध है। डिजाइन की बात करें तो यह आंखों को धूप से बचाने के लिए एडजस्टेबल टिप्स और टिंटेड ग्लास के साथ एक हल्के स्टील फ्रेम से बनाया गया है। इसके टॉप पर लगी बटन दबाकर वीडियो या फोटो कैप्चर किए जा सकते हैं।
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