Wednesday 1 July 2020

फेसबुक ने लॉन्च किया अवतार फीचर, खुद का वर्चुअल लुक बनाकर शेयर कर सकेंगे यूजर

फेसबुक ने अवतार फीचर को भारत में लॉन्च कर दिया है। यह फीचर यूजर को खुद का वर्चुअल लुक कस्टमाइज करने की सुविधा देता है। जिसे चैट और कमेंट में स्टिकर के रूप में शेयर किया जा सकता है। कंपनी ने बताया कि अवतार फीचर कई तरह के चेहरे, हेयर स्टाइल और आउटफिट सपोर्ट करता है।
फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत में अवतार को लॉन्च किया क्योंकि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सोशल इंटरेक्शन के लिए इंटरनेट पर शिफ्ट हो गए। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़े इंटरनेट बाजार भी है।

स्नैपचैट बिटमोजी की तरह काम करता है
कंपनी ने भारत की लॉन्चिंग उस समय की जब देश में चीन विरोधी भावना अपने शीर्ष पर है। भारत सरकार ने हाल ही में 59 चीनी ऐप्स को बैन किया। इनमें कई ऐसी ऐप्स भी थीं, जिसने एशिया
के तीसरे सबसे बड़े इकोनॉमी मार्केट में लगातार फेसबुक को कड़ी टक्कर दी। फेसबुक के अवतार को स्नैपचैट के पॉपुलर बिटमोजी के क्लोन के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था। कंपनी का कहना है कि यह सोशल इंगेजमेंट बढ़ाने में भी मदद करेगी।

सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लॉन्च हुआ था अवतार
यूजर्स न्यूज फीड पोस्ट या मैसेंजर के कमेंट सेक्शन में स्टिकर ट्रे से अपना अवतार बना सकते हैं। फेसबुक ने सबसे पहले इसे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के यूजर्स के लिए जारी किया था। जिसके बाद इसे यूरोप और अमेरिका में लॉन्च किया गया।

स्नैपचैट के लगभग 14.7 करोड़ यूजर्स ने खुद के Bitmojis बनाए
चीनी स्मार्टफोन निर्माता शाओमी सहित कई कंपनियों ने हाल के वर्षों में Bitmoji को दोहराने का प्रयास किया है - हालांकि किसी ने भी स्नैपचैट की तरह इसका विस्तार नहीं किया है। इस वर्ष की शुरुआत में, स्नैपचैट ने Bitmoji TV को पेश किया। यह यूजर के अवतार के साथ चार मिनट की कॉमेडी कार्टून सीरीज है। उस समय स्नैपचैट ने कहा था कि उसके डेली एक्टिव यूजर्स में से लगभग 70%, या उसके 21 करोड़ यूजर्स में से 14.7 करोड़ ने अपने खुद के Bitmojis बनाए थे।

स्नैपचैट भारत में लॉन्च करेगी स्मार्ट सनग्लासेस
स्नैपचैट भारत में अपने स्मार्ट चश्मा स्पेटकल्स भी लॉन्च करने के लिए तैयारी है। कैलिफोर्निया बेस्ड कंपनी ने कहा कि उसने भारत में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष किया है। मोबाइल इनसाइट फर्म ऐप एनी के अनुसार कंपनी के पिछले महीने लगभग 3 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स थे। फेसबुक के भारत में 35 करोड़ से ज्यादा यूजर्स और वॉट्सऐप के 40 करोड़ यूजर्स हैं।



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फेसबुक के अवतार को स्नैपचैट के पॉपुलर बिटमोजी के क्लोन भी कहा जा रहा है, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था


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By Paige McClanahan from NYT Travel https://ift.tt/3iiUiXi

हुवावे और ZTE के उपकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा, चीन कभी भी इनका इस्तेमाल जासूसी के लिए कर सकता है

अमेरिकी फेडरल कम्युनिकेशन्स कमीशन (एफसीसी) ने चीनी कंपनी हुवावे और ZTE कॉर्पोरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतर बताते हुए इनकी फंडिंग रोक दी है। एफसीसी ने बताया है कि यह कदन इन चीनी कंपनियों को अमेरिकी बाजार से बाहर करने के लिए उठाया गया है क्योंकि कई छोटी कंपनियां इनके सस्ते नेटवर्क उपकरणों पर निर्भर है। एफसीसी का कहना है कि हुवावे और जेडटीई दोनों ही कंपनियों के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सैन्य हथियार समूह के साथ घनिष्ठ संबंध है।

हुवावे के इक्विपमेंट को जासूसी के लिए इस्तेमाल कर सकता है चीन

  • एफसीसी के अध्यक्ष अजीत पाई ने ट्विटर पर कहा- अमेरिकी सरकार और यह विशेष रूप से एफसीसी, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिका के कम्युनिकेशन नेटवर्क की कमजोरियों का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दे सकती है।
  • उन्होंने ट्विटर पर एक लेटर भी शेयर किया जिसमें सबूतों के आधार पर ब्यूरो ने हुवावे और ZTE को अमेरिका के कम्युनिकेशन नेटवर्क और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि एफसीसी के 8.3 बिलियन डॉलर का सालाना यूनिवर्सल सर्विस फंड का इस्तेमाल इन सप्लायर्स से इक्विपमेंट या सर्विस खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है। ये फंड सब्सिडी का एक कलेक्शन है जिसके जरिए अमेरिकी सरकार टेलीकॉम सर्विस तक पहुंच को बढ़ावा देती है। अमेरिका का कहना है कि हुवावे के इक्विपमेंट को चीन जासूसी करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

तीन चीनी टेलीकॉम कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा सकती है एफसीसी

  • वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ने के साथ एफसीसी ने कोरोनोवायरस और सुरक्षा मुद्दों पर चीनी कंपनियों की तेजी से छानबीन की है। एजेंसी तीन चीनी टेलीफोन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। पिछले साल अमेरिकी बाजार में एंट्री को लेकर चीन मोबाइल लिमिटेड पर प्रतिबंधित लगाया था।

इक्विपमेंट्स बदलने का औसत खर्च $ 45 मिलियन तक आएगा

  • एफसीसी ने बताया कि लगभग तीन दर्जन या चार दर्जन ग्रामीण कंपनियां सब्सिडी लेते हैं और हुवावे या ZTE से उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि उपकरणों को बदलने के लिए एक फर्म की औसत लागत $ 40 मिलियन से $ 45 मिलियन तक हो सकती है।

एफसीसी ने रिप्लेसमेंट प्रोग्राम के लिए $ 2 बिलियन का खर्च बताया

  • एफसीसी के आयुक्त जेफ्री स्टार्क्स ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि "अविश्वसनीय इक्विपमेंट" कई जगह पर लगे हैं और एफसीसी को रिप्लेसमेंट प्रोग्राम चलाने के लिए कहा गया है।

पाई ने 24 जून को कांग्रेस को पूर्ण पैमाने पर रिप-एंड-रिप्लेस प्रोग्राम के रूप में $ 2 बिलियन का खर्च बताया। एफसीसी ने कहा हम धन की आवश्यकता है, ताकि हम इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए तेजी से काम कर सकें।



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एफसीसी का कहना है कि हुवावे और जेडटीई दोनों ही कंपनियों के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सैन्य हथियार समूह के साथ घनिष्ठ संबंध है


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