![](https://static01.nyt.com/images/2020/09/29/us/politics/29debate-polling1/merlin_177748518_2a32889f-c1c8-48c1-90d9-3f5a6f7d159d-mediumThreeByTwo440.jpg)
By Giovanni Russonello from NYT U.S. https://ift.tt/33ag8qA
Besically its a news website That will provide all kind of National and international news for you. Its also Provie you the best Knowlegdeable blog for you That will help you a lot for your knowledge.
दिग्गज टेक कंपनी गूगल जल्द ही प्ले-स्टोर की इन-ऐप परचेज से जुड़ी गाइडलाइन में बदलाव करने वाली है, जिसका सीधा असर डवलपर्स पर होगा। दरअसल, अब डवलपर्स को इस पर टैक्स देना होगा। इसके साथ ही प्ले स्टोर के जरिए डिजिटल सामग्री बेचने वाले ऐप को गूगल प्ले बिलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा।
सर्च इंजन गूगल ने मंगलवार को कहा कि वह चुनिंदा ऐप के लिए बिलिंग सिस्टम लागू करेगी। शुल्क के रूप में इन-ऐप खरीदारी का एक प्रतिशत भुगतान करना होगा। यानी कि अब डेवलपर्स को ऐप की परचेज पर कंपनी को 30 प्रतिशत कमीशन देनी होगी।
नए बिलिंग सिस्टम को अपनाना होगा
गूगल बिलिंग प्रणाली ऐप के जरिए किए गए भुगतान पर 30 प्रतिशत शुल्क लेता है। हालांकि, यदि डेवलपर अपनी वेबसाइट के जरिए भुगतान लेता है, तो उसे प्ले बिलिंग की जरूरत नहीं होगी। कोचिकर ने कहा कि लगभग 97 प्रतिशत डेवलपर्स इस नीति को समझते हैं और इसका पालन करते हैं, हालांकि उन्होंने उन लोगों के नाम नहीं लिए जिन्होंने इसका पालन नहीं किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जो डेवलपर्स नई दिशानिर्देश पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें थोड़ा समय दिया जाएगा।
इन-ऐप परचेज के जरिए अरबों डॉलर्स में कमाती है कंपनियां
बता दें कि एपल और गूगल दोनों ही कंपनियां इन-ऐप परचेज के जरिए अरबों डॉलर्स कमाती हैं। लेकिन एपल की नीति गूगल की तुलना में ज्यादा सख्त है। एपल डवलपर्स को बाहरी वेबसाइट के जरिए मोबाइल ऐप की सब्सक्रिप्शन बेचने की अनुमति नहीं देता है।
पेटीएम को ब्लॉक करके विवादों में घिरी
गूगल के निदेशक (कारोबार विकास, गेम और एप्लिकेशंस) पूर्णिमा कोचिकर ने वर्चुअल कांफ्रेंस में कहा कि आज हम प्ले बिलिंग नीति को स्पष्ट कर रहे हैं, जो लंबे समय से चली आ रही है और हाल की घटनाओं से हमने महसूस किया है कि नीतियों को स्पष्ट करना और उन्हें समान रूप से लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक डेवलपर जो गूगल प्ले के जरिए अपनी डिजिटल सामग्री को बेचता है, उन्हें प्ले बिलिंग का इस्तेमाल करना होगा।' बता दें कि गूगल हाल ही में कुछ घंटों के लिए पेटीएम को ब्लॉक करके विवादों में आ गई थी।
मंगलवार को शाओमी ने वर्चुअल इवेंट के जरिए भारत में तीन नए प्रोडक्ट लॉन्च किए। कंपनी ने नया फिटनेस बैंड एमआई बैंड 5 लॉन्च किया, जो मौजूदा बैंड 4 का अपग्रेड वर्जन है साथ ही वॉयस असिस्टेंट सपोर्ट करने वाला अपना पहला स्पीकर भी बाजार में उतारा। इवेंट में कंपनी ने स्मार्टवॉच को भी लॉन्च की। इसी के साथ अब भारत में स्मार्टवॉच सेगमेंट और अधिक प्रतिस्पर्धी हो गया है, क्योंकि रियलमी, नॉइज और अमेजफिट समेत कई ब्रांड्स पहले से ही अफोर्डेबल स्मार्टवॉच के साथ बाजार में मौजूद हैं। चलिए एक-एक कर बात करते हैं इन तीनों प्रोडक्ट्स के बारे में....
1. एमआई वॉच रिवॉल्व (Mi Watch Revolve): कीमत 10,999 रुपए (ऑफर प्राइस: 9,999 रुपए)
शाओमी ने भारत में अपनी पहली स्मार्टवॉच एमआई वॉच रिवॉल्व लॉन्च की। कंपनी ने दिसंबर 2019 में चीन में एमआई वॉच कलर को लॉन्च किया था और अब कंपनी ने इसे एमआई वॉच रिवॉल्व के रूप में भारत लेकर आई है। इसमें सर्कुलर डायल मिलता है, जिसमें हार्ट रेट वेरिएबिलिटी ट्रैकिंग, स्लीप ट्रैकिंग, स्ट्रेस लेवल ट्रैकिंग समेत कई हेल्थ सेंट्रिक फीचर्स मिलेंगे। वॉच में दाईं ओर दो फिजिकल बटन हैं और इसकी बॉडी स्टेनलेस स्टील से बनी है।
एमआई वॉच रिवॉल्व: भारत में कीमत
एमआई वॉच रिवॉल्व: स्पेसिफिकेशन और फीचर्स
2. एमआई बैंड 5 (Mi Smart Band 5): कीमत 2,499 रुपए
एमआई स्मार्ट बैंड 5 को भारत में शाओमी ने लेटेस्ट फिटनेस बैंड के रूप में लॉन्च किया है। इसमें 1.1 इंच के AMOLED कलर फुल टच डिस्प्ले मिलता है और इसे कई कलर ऑप्शन में उतारा गया है। बैंड 5 में योग, रोइंग मशीन और फ्री एक्सरसाइज समेत 11 प्रोफेशनल गेम मोड सपोर्ट करता है। अन्य फिटनेस और हेल्थ फीचर्स में हार्ट रेट मॉनिटरिंग, स्लीप ट्रैकिंग, वूमन हेल्थ ट्रैकिंग, स्ट्रेस मॉनिटरिंग समेत कई फीचर्स का सपोर्ट मिलता है। कंपनी का दावा है फुल चार्ज करने पर यह 14 दिन तक चलता है।
एमआई बैंड 5: भारत में कीमत और उपलब्धता
एमआई बैंड 5: फीचर्स
3. एमआई स्मार्ट स्पीकर (Mi Smart Speaker): कीमत 3,999 रुपए (ऑफर प्राइस: 3499 रुपए)
शाओमी ने अपने पहले स्मार्ट स्पीकर को भी लॉन्च किया। इसमें गूगल असिस्टेंट सपोर्ट के साथ दो फार-फिल्ड माइक्रोफोन्स मिलते हैं। इसमें ऊपर की तरफ एक वॉयस लाइट भी है जो अमेजन इको स्पीकर पर उपलब्ध लाइट रिंग के समान है। एमआई स्मार्ट स्पीकर में एक मेटल मेश डिजाइन है, कंपनी का कहना है कि यह डिजाइन इसे प्रीमियम लुक के साथ बेहतर साउंड एक्सपीरियंस देने में मदद करता है। शाओमी अपने इस स्पीकर से गूगल होम मिनी और अमेजन इको डॉट को चुनौती देना चाहती है।
एमआई स्मार्ट स्पीकर: कीमत और उपलब्धता
एमआई स्मार्ट स्पीकर: स्पेसिफिकेशन और फीचर्स
ये भी पढ़ सकते हैं...
गूगल प्ले स्टोर से अस्थायी तौर पर हटाए जाने के कुछ दिनों बाद ही डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम ने इंडियन प्रीमियर लीग से जुड़ी कैशबैक स्कीम को फिर से शुरू कर दी है। इसी के साथ कंपनी ने यूपीआई से भुगतान पर कैशबैक और स्क्रैच कार्ड की भी शुरुआत की है। बता दें कि करीब सप्ताह भर पहले ही गूगल ने इस पेमेंट ऐप पर गैम्बलिंग का आरोप लगाते हुए कैशबैक स्कीम के कारण उसे एंड्रॉयड प्ले स्टोर से हटाया गया था। पेटीएम ने यह पेशकश गूगल की इस कार्रवाई के कुछ दिनों बाद ही की है।
क्या कहा पेटीएम ने
पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि अपने मंच पर पेटीएम क्रिकेट लीग की वापसी को लेकर हम रोमांचित है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि उसके मंच पर यूजर अब डिजिटल तरीके से मोबाइल बिल भरने या रिचार्ज करने, किराना सामान खरीदने या धन हस्तांतरण करने पर क्रिकेट स्टार के स्टीकर एकत्रित कर सकते हैं। एक बार सेट पूरा करने के बाद वह इसे 1,000 रुपए तक के कैशबैक के लिए भुना सकेंगे।
मिलेगा पहले जैसा ही अनुभव
पेटीएम के अनुसार, कुछ स्कीम में बदलाव किए गए हैं। हालांकि, क्रिकेट सेलिब्रेशन जारी रखने के लिए यूजर्स को 'पेटीएम क्रिकेट लीग' का अनुभव पहले जैसा ही मिलेगा। यूजर्स को हर लेनदेन या भुगतान पर सरप्राइज प्लेयर स्टीकर्स मिलते रहेंगे। इसी आधार पर उन्हें कैशबैक मिलता रहेगा।
क्यों लगा था बैन ?
बता दें कि गूगल ने 18 सितंबर को प्ले स्टोर से पेटीएम ऐप को हटाते हुए कहा था कि वह किसी भी गैंबलिंग (जुआ खेलने वाले) ऐप का समर्थन नहीं करता है। जुए से जुड़ी उसकी नीतियों का उल्लंघन करने के कारण पेटीएम पर यह कार्रवाई की गई है।
गूगल ने क्या कहा था ?
पेटीएम अपने पेटीएम फर्स्ट गेम्स ऐप के जरिए फैंटेसी क्रिकेट समेत कई प्रकार के गेम्स के जरिए रुपए जीतने का ऑफर दे रहा है। यह गूगल की गैंबलिंग पॉलिसी का उल्लंघन है। गूगल का कहना था कि हमने आईपीएल टूर्नामेंट से पहले नई प्ले पॉलिसी जारी की थी। लेकिन पेटीएम की ओर से इस पॉलिसी का उल्लंघन किया जा रहा था। इस कारण पेटीएम के एंड्रॉयड ऐप को प्ले स्टोर से हटाया गया है।
जानिए अपने पेटीएम के बारे में
वन97 कम्युनिकेशंस ने अगस्त 2010 में पेटीएम पेमेंट ऐप को लॉन्च किया था। यह ऐप 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस ऐप पर क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट किया जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल रिचार्ज, यूटीलिटी बिल पेमेंट, ट्रेवल, मूवी टिकट और इवेंट बुकिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। वित्त वर्ष 2020 में कंपनी का रेवेन्यू 3,579.6 करोड़ रुपए रहा है। इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा है। यह ऐप एंड्रॉयड, आईओएस और विंडोज प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।