
कोविड-19 महामारी के वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन (Co-WIN) ऐप जारी किया है। हालांकि, अब इस ऐप को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की तरफ से चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद कोविन (CoWIN) ऐप को डाउनलोड ना करें। ये फर्जी ऐप है, जो आपकी पर्सनल जानकारी चोरी कर सकता है। गूगल प्ले स्टोर पर CoWIN नाम से कई ऐप्स दिख रहे हैं।

उन्होंने ये भी साफ किया कि सरकार की तरफ से फिलहाल ऑफिशियल कोविन ऐप लॉन्च नहीं किया गया है। ऐसे में किसी भी कोविन ऐप को डाउनलोड न करें। इससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया पर इस जानकारी को शेयर किया है। उन्होंने बताया कि कोविन ऐप को जल्द लॉन्च किया जाएगा।
क्या है कोविन ऐप?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन के लिए कोविन (CoWIN) ऐप को तैयार किया है। इसकी मदद से वैक्सीन डिलीवरी की रियल टाइम मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी। ऐप के जरिए सरकार वैक्सीनेशन हो चुके लोगों का डेटा सुरक्षित रख पाएगी। इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा।
कोविन (कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क), eVIN (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) का अपग्रेडेड वर्जन है। एप्लिकेशन का काम पूरा होने के बाद इसे गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर पर यूजर्स के लिए फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा।
कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस
कोविन ऐप पर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिलहाल ऐप इन्स्टॉल नहीं कर पाएंगे। इसके रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस कुछ इस तरह की होगी।
- कोविन की ऑफिशियल वेबसाइट पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन के लिए फोटो और आईडी की जरूरत होगी।
- आईडी में वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन डॉक्युमेंट का इस्तेमाल कर पाएंगे।
- रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने मोबाइल नंबर की जानकारी भी देनी होगी।
- रजिस्ट्रेशन होते ही SMS के जरिए वैक्सीनेशन की डेट, टाइम और जगह दी जाएगी।
12 भाषाओं में भेजे जाएंगे SMS
वैक्सीनेशन का इंतजार कर रहे लोगों को जानकारी देने के लिए 12 भाषाओं में SMS भेजे जाएंगे। वैक्सीन लगवाकर एक QR कोड सर्टिफिकेट भी मिलेगा जिसे मोबाइल में स्टोर करके रखा जा सकता है। QR कोड बेस्ड सर्टिफिकेट को स्टोर करने के लिए सरकार के डॉक्यूमेंट स्टोरेज ऐप 'डिजीलॉकर' को इंटीग्रेट किया जा सकता है। इसके साथ 24×7 की सुविधा भी मिलेगी।
3 चरण में होगा वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि कोरोना वैक्सीन के टीके लोगों को 3 चरणों में लगाए जाएंगे। इनमें पहले चरण में सभी फ्रंटलाइन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों शामिल हैं। आखिर में गंभीर स्थिति वाले लोगों को टीका लगाया जाएगा।
कोविन ऐप में 5 मॉड्यूल
इस ऐप से वैक्सीनेशन की प्रोसेस, एडमिनिस्ट्रेटिव एक्टिविटीज, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जाना है। इसमें 5 मॉड्यूल दिए हैं। जिसमें प्रशासनिक मॉड्यूल, रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, वैक्सीनेशन मॉड्यूल, लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल शामिल है।
- प्रशासनिक मॉड्यूल: वे लोग जो वैक्सीनेशन इवेंट का संचालन करेंगे। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने के लिए लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिलेगी।
- रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल: उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।
- वैक्सीनेशन मॉड्यूल: उन लोगों की जानकारियां वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेस्शन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा।
- बेनिफिशियल अप्रूवल मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे। इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
- रिपोर्ट मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी। जैसे, टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा, कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया आदि।
मेडिकल और फ्रंटलाइन वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं
सरकार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों और मेडिकल फ्रंटलाइन वर्कर्स का डाटा कोविन ऐप पर अपलोड किया जा रहा है। इन लोगों को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने कोविन ऐप के सॉफ्टवेयर को चेक करने के लिए अलग-अलग स्तर पर कई बार रिहर्सल की है। 700 जिलों में 90 हजार से ज्यादा लोगों को सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई है।
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