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Wednesday, 1 April 2020
Frightened Doctors Face Off With Hospitals Over Rules on Protective Gear
By Matt Richtel from NYT Health https://ift.tt/340cE8V
देशभर में लागू हुए बीएस 6 उत्सर्जन मानक; समझिए बीएस-4 और बीएस-6 की पूरी गणित, जानिए आम लोगों की जिंदगी पर क्या होगा असर
देशभर में आज 1 अप्रैल 2002 से नए उत्सर्जन मानक भारत स्टेज6 यानी बीएस6 लागू हो गया है। अभी तक देशभर में बीएस4 उत्सर्जन मानक लागू था। इसके बाद बीएस5 को छोड़कर भारत में सीधे बीएस6 एमिशन नॉर्म्स लागू कर दिए गए हैं। बीएस6 लागू होने से आम लोगो की जिंदगी कुछ हद तक सीधे तौर पर प्रभावित होगी। जैसे कि वाहनों से कम हानिकारक मात्रा में प्रदूषक तत्व निकलेंगे। हालांकि बीएस6 वाहनों की कीमत बीएस4 के मुकाबले ज्यादा होगी।
पहली बार साल 2000 लागू हुआ उत्सर्जन मानक
भारत में सबसे पहले भारत स्टेज को साल 2000 में लागू किया गया था। इससे पहले तक भारत में कार्बन उत्सर्जन को लेकर कोई मानक तय नहीं था। बीएस को यूरोपियन कार्बन उत्सर्जन मानक यूरो की तर्ज पर भारत में लागू किया गया था। मौजूदा वक्त में देशभर में बीएस4 कार्बन उत्सर्जन मानक लागू है। हालांकि अब अप्रैल 2020 में अगला उत्सर्जन मानक बीएस6 लागू हुआ। भारत सरकार ने एक स्टेज छोड़कर बीएस4 के बाद सीधे बीएस6 लागू किया है। ऐसा करने के पीछे गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण के स्तर में कमी लाने को वजह बताया गया है।
सल्फर के उत्सर्जन में कमी लाना
हर एक उत्सर्जन मानक में पेट्रोल और डीजल गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के साथ सल्फर की मात्रा को कम करना होता है। बीएस3 स्टैंडर्ड के तहत पेट्रोल गाड़ियां 150 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी। जो बीएस6 में घटकर 10 मिलीग्राम प्रति किग्रा हो गया है। इसी तरह डीजल गाड़ियां बीएस3 स्टैंडर्ड नॉर्म्स के तहत 350 मिलीग्राम प्रति किग्रा सल्फर उत्सर्जित कर सकती थी, जिसकी मात्रा घटकर 10 मिलीग्राम प्रति किग्रा हो गई है।
सल्फर उत्सर्जन | BS3 (mg/kg) | BS4 (mg/kg) | BS6 (mg/kg) |
पेट्रोल | 150 | 50 | 10 |
डीजल |
भारत स्टेज नॉर्म्स कब लागू हुआ
भारत में साल 2000 के बाद से बीएस नार्म्स एक साथ कभी लागू नहीं हुए। इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया। पहले मेट्रो और कुछ चुनिंदा शहरों में इन्हें लागू किया गया। इसके बाद टीयर2 और टीयर3 शहरों में लागू किए जाते रहे हैं। हालांकि साल अब साल 2020 में फिर से पूरे देश में एक साथ बीएस6 इमीशन एक साथ देशभर में लागू किया जा रहा है।
- बीएस1 को साल 2000 में देशभर में एक साथ लागू किया गया।
- बीएस2 को चरणबद्ध तरीके से सबसे पहले दिल्ली एनसीआर, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में लागू किया गया। इसके बाद अप्रलै 2003 में बीएस2 को 13 अन्य शहरों में लागू किया गया
- बीएस3 को अप्रैल 2005 में दिल्ली एनसीआर समेत 13 शहरों में लागू किया गया। इसके बाद अप्रैल 2010 में इसे देशभर में लागू कर दिया गया।
- बीएस 4 को अप्रैल 2010 में दिल्ली एनसीआर समेत देश के चुनिंदा 13 शहरों में लागू किया गया। इसके बाद अप्रैल 2017 में इसे देशभर में लागू किया गया है।
- बीएस 5 को छोड़कर सीधे बीएस 6 लागू किया गया।
- बीएस 6 को अप्रैल 2020 में देशभर में लागू किया जा रहा है।
- बीएस4 और बीएस 6 में क्या अंतर
- बीएस4 इमीशन नार्म्स के तहत वाहन के इंजन को इस हिसाब से डिजाइन किया जाता है कि उससे निकलने वाले धुएं से सल्फर की मात्रा भारत सरकार के तय पैमाने के आधार पर निकले। इसके लिए कम सल्फर वाले ईंधन (डीजल) का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए सरकार की तरफ से ईंधन का ग्रेड तय किया जाता है।
ग्रेड आधारित ईंधन
बीएस6 ईंधन देशभर में एक अप्रैल 2020 से मिलना शुरू हो गया है। बीएस-6 नियम आने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इससे पहले 1 अप्रैल 2017 से ही पेट्रोलियम मंत्रालय ने पूरे देश में बीएस-IV ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू किया था। भारत की सबसे बड़ी ऑयल फर्म इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (OIL) ने बीएस6 उत्सर्जन मानक वाले फ्यूल की सप्लाई शूरू कर दी है। बीएस6 पेट्रोल-डीजल दुनिया का सबसे स्वच्छ ईंधन है। आईओसी बीएस6 फ्यूल सप्लाई करने वाली पहली कंपनी बन गई है। बीएस 6 फ्यूल को पूरा देश 1 अप्रैल से अपनाएगा। आईओसी ने दो हफ्ते पहले ही 28000 पेट्रोल पंपों पर इस फ्यूल की सप्लाई शुरू कर दी है। बीएस 6 मानक वाले पेट्रोल डीजल में बहुत कम मात्रा में सल्फर होता है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए कम खतरनाक होता है।
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जीपीएस नेविगेशन फीचर से लैस फिटबिट चार्ज 4 बैंड लॉन्च, खरीदने से पहले 90 दिन का ट्रायल ले सकेंगे ग्राहक
गैजेट डेस्क. वियरेबल डिवाइस बनाने वाली अमेरिकन कंपनी फिटबिट ने भारत में नया फिटबिट चार्ज 4 लॉन्च कर दिया है। इसका डिजाइन पहले जैसे ही है लेकिन इसमें कईलेटेस्ट और एडवांस्ड फीचर देखने को मिलेंगे। इसकी खासियत यह है कि यह जीपीएस फंक्शनैलिटी से लैस है। कंपनी का कहना है कि सिंगल चार्ज में यह 7 दिन तक चलेगा। यह तीन कलर में अवेलेबल है और इसका स्पेशल एडिशन ब्लैक क्लासिक बैंड के साथ आएगा। इसे एरोस्पेस ग्रेड एल्युमिनियम से बनाया गया है। इसमें स्लीप ट्रैकिंग और फिटबिट-पे जैसे फीचर्स भी मिलेंगे।
फिटबिट चार्ज 4: कीमत और उपलब्धता
फिटबिट चार्ज 4 के ब्लैक, रोजवुड और स्टॉर्म ब्लैक/ब्लू कलर वैरिएंट की कीमत 14999 रुपए है। इसके स्पेशल एडिशन ग्रेनाइट रिफ्लेक्टिव/ब्लैक वुवन कलर वैरिएंट की कीमत 16999 रुपए है। लॉकडाउन को देखते हुए फिलहाल इसकी बिक्री की तारिख तय नहीं की गई है लेकिन इसे इसी महीने से ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर से खरीदा जा सकेगा। प्रेस रिलीज के मुताबिक, इसके प्रीमियम कस्टमर्स को 90 दिन का ट्रायल भी दिया जाएगा। इसे 819 रुपए मासिक या 6999 रुपए सालाना की किश्त पर भी ले सकते हैं।
फिटबिट चार्ज 4: फीचर्स और स्पेसिफिकेशन
- बैंड में OLEDटचस्क्रीन है। कंपनी का दावा है कि सिंगल चार्ज में यह 7 दिन तक चलेगा। लगातारजीपीएसचलाने पर यह 5 घंटे तक काम करेगा। चार्ज होने में यह दो घंटे का समय लेता है।
- यह ब्लूटूथ 4.0 कनेक्टिविटी से लैस है। यह वॉटर रेजिस्टेंट है और 50 मीटर गहरे पानी में भी काम करताहै। इसमें 24x7 हार्ट रेट मॉनिटरिंग फीचर भी मिलता है।
- इसमें 3-एक्सिस एक्सीरेलोमीटर, ऑप्टिकल हार्ट रेट मॉनिटर, जीपीएस, एनएफसी और एल्टीमीटर जैसे सेंसर मिलते हैं। इसमें वाइब्रेशन मोटर भी है।
- बैंडसे स्पॉटिफाई ऐप पर चल रहाम्यूजिक भी कंट्रोल किया जा सकेगा। इसपर कॉल्स, मैसेज, रिमाइंडर समेतकई नोटिफिकेशन अलर्ट मिलेंगे।
- डिजिटल पेमेंट के लिए इसमें फिटबिट पे फीचर भी मिलता है, इसमें यूजर अपनेक्रेडिट या डेबिट कार्ड को फिटबिट वॉलेट से कनेक्ट कर सकेंगे।
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संकट से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री की लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत, मार्च में मारुति सुजुकी की बिक्री में 47% की भारी गिरावट, अशोक लीलैंड की सेल्स 90% गिरी
ऑटो इंडस्ट्री पिछले करीब एक साल से बिक्री के मोर्च पर गंभीर संकट का सामना कर रही है। आर्थिक सुस्ती के बीच ऑटो इंडस्ट्री को बीएस4 से बीएस6 उत्सर्जन मानक में शिफ्ट करना पड़ा। इसकी वजह से वाहन बिक्री में हर माह गिरावट दर्ज की जा रही थी। फिर कोरोना वायरस की वजह से देश में जारी लॉक डाउन ने तो ऑटो इंडस्ट्री की कमर ही तोड़कर रख दी है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी की मारूति सुजुकी की मार्च माह की बिक्री में 47 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
मार्च की बिक्री 47 फीसदी गिरी
कंपनी की मार्च में वाहन बिक्री 83,792 यूनिट रही। यह आंकड़ा एक साल पहले मार्च 2019 में 1.58 लाख यूनिट का था। मार्च 2020 में मारुति की कुल घरेलू बिक्री 46.4 फीसदी घटकर 79,080 यूनिट रही है। वहीं, मार्च 2019 में कंपनी की कुल घरेलू बिक्री 1.47 लाख यूनिट रही थी। अगर मारुति सुजुकी के निर्यात की बात करें, तो इस साल मार्च में मारुति के वाहनों का निर्यात 55 फीसदी घटकर 4,712 यूनिट रह गया, जो मार्च 2019 में 10,463 यूनिट था। मारुति के पैसेंजर व्हीकल बिक्री मार्च 2020 में 47.4 फीसदी घटकर 76,420 यूनिट रही है। वहीं, मार्च 2019 में कुल पैसेंजर व्हीकल बिक्री 1.45 लाख यूनिट थी।
अशोक लीलैंड की बिक्री में 90 फीसदी की गिरावट
हिंदुजा समूह के अशोक लीलैंड ने बुधवार को मार्च की बिक्री में 90 फीसदी गिरावट दर्ज की। मार्च 2020 में कंपनी के कुल 2,179 वाहनों की बिक्री की। पिछले साल इसी दौरान कपनी ने 21,535 वाहनों की बिक्री की थी। इस दौरान कुल घरेलू बिक्री 1,787 यूनिट थी, जो पिछले साल मार्च माह में 20,521 यूनिट थी। अगर मीडियम और हैवी कमर्शियल व्हीकल बिक्री की बात करें, तो इसमें भी पिछले साले के मुकाबले करीब 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
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1.21 लाख रुपए है BS6 रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 की शुरुआती कीमत, कंपनी ने वेबसाइट पर अपडेट की कीमत और स्पेसिफिकेशन
रॉयल एनफील्ड ने ऑफिशियल वेबसाइट पर बीएस6 बुलेट 350 और बुलेट X 350 ES(इलेक्ट्रिक स्टार्ट) की कीमत और स्पेसिफिकेशन को अपडेट कर दिया है। साइट के मुताबिक, कंपनी की सबसे सस्ती मोटरसाइकिल यानी बुलेट X 350 के बीएस6 वर्जन की एक्स शोरूम कीमत 1.21 लाख रुपए होगी जबकि बीएस6 स्टैंडर्ड बुलेट 350 की कीमत 1.27 लाख रुपए और बुलेट X 350 ES की कीमत 1.37 लाख रुपए होगी। हालांकि ये बीएस4 मॉडल से 9 हजार रुपए महंगी हो गई है लेकिन बावजूद इसके यह अभी भी कंपनी की सबसे सस्ती मोटरसाइकिल है क्योंकि बीएस6 क्लासिक 350 इससे 40 हजार रुपए महंगा है। कई यह कई डीलरों ने इनकी बुकिंग्स लेना भी शुरू कर दिया है।
स्टैंडर्ड 350 और X-वैरिएंट में क्या अंतर है?
- X-वैरिएंट को कंपनी ने बुलेट 350 के सस्ते वर्जन के तौर पर लॉन्च किया है। यह दिखने में स्टैंडर्ड बुलेट 350 से थोड़ी अलग है। X-वैरिएंट को ब्लैक थीम पर डिजाइन किया गया है, इसमें स्टैंडर्ड बुलेट 350 की तरह क्रोम नजर नहीं आएगा।
- X-वैरिएंट के इंजन और क्रैंक केस को ब्लैक फिनिश दिया गया है। यहां तक की इसके टैंक को सिंपल रखा गया है। फ्यूल टैंक पर 3D लोगो की जगह सिंपल लोगो मिलेगा। और सभी बदलाव इसकी कीमत को कम करने के लिए किया गया है।
इंजन: टॉर्क पहले जितना लेकिन पावर कम हुआ
- इंजन की बात करें तो बीएस6 वर्जन में कर्ब्युरेटर की जगह फ्यूल-इंजेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है और एग्जॉस्ट में भी कैटेलिक कन्वर्टर जोड़ा गया है।
- इसमें 346 सीसी का सिंगल सिलेंडर, एयर-कूल्ड इंजन है, जो 19.1 हॉर्स पावर की ताकत और 28 एनएम का टॉर्क जनरेट करेगा।
- बीएस4 मॉडल से तुलना करें तो बीएस6 मॉडल में टॉर्क तो पहले जितना ही है मिलेगा यानी 28 एनएम है लेकिन ताकत कम हो गई है। बीएस4 मॉडल में 19.8 हॉर्स पावर की ताकत मिलती थी।
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