Thursday, 30 April 2020

5020 एमएएच बैटरी और चार रियर कैमरे के साथ लॉन्च हुआ रेडमी नोट 9 फोन, मई में शुरू होगी बिक्री

टेक कंपनी शाओमी ने गुरुवार को हुए ऑनलाइन इवेंट में नया रेडमी नोट 9 स्मार्टफोन को ग्लोबली लॉन्च किया। इसे बाजार में पहले से अवेलेबल रेडमी नोट 9 सीरीज के नए मॉडल के तौर पर उतारा गया है। सीरी में रेडमी नोट 9 प्रो, रेडमी नोट 9 प्रो मैक्स और रेडमी नोट 9s शामिल हैं। सीरीज के बाकी फोन की रेडमी नोट 9 में भी पंच डोल डिस्प्ले मिलेगा। फोन में रियर फिंगरप्रिंट स्कैनर जबकि रेडमी नोट 9 प्रो और 9 प्रो मैक्स में साइड माउंटेड सेंसर मिलते हैं। फोटोग्राफी के लिए फोन में चार रियर कैमरे मिलेंगे जबकि फोन को पावर देन के लिए इसमें 5020 एमएएच की बड़ी बैटरी दी गई है।

रेडमी नोट 9 स्मार्टफोन: कीमत, वैरिएंट और उपलब्धता

  • फोन दो वैरिएंट में अवेलेबल है। इसके 3 जीबी रैम/ 64 जीबी स्टोरेज वैरिएंट की कीमत 15100 रुपए और 4 जीबी/ 128 जीबी स्टोरेज वैरिएंट की कीमत 18900 रुपए है।
  • यह फॉरेस्ट ग्रीन, पोलर व्हाइट, मिडनाइट ग्रे कलर में उपलब्ध है। दुनियाभर में मई के मध्य में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।

रेडमी नोट 9 स्मार्टफोन: स्पेसिफिकेशन

डिस्प्ले साइज 6.53 इंच
डिस्प्ले टाइप फुल एचडी प्लस आईपीएस डिस्प्ले, गोरिल्ला ग्लास 5
सिम टाइप डुअल नैनो सिम
ओएस MIUI 11 बेस्ड एंड्रॉयड 10
प्रोसेसर मीडियाटेक हीलियो G85 ऑक्टा-कोर
रैम/स्टोरेज 3GB+64GB/4GB+128GB
एक्सपेंडेबल 128GB
रियर कैमरा 48MP(सैमसंग GM1 सेंसर)+8MP(अल्ट्रा-वाइड सेंसर)+2MP(डेप्थ लेंस)+2MP(मैक्रो लेंस)
फ्रंट कैमरा 13MP
बैटरी 5020 एमएएच विद 18 वॉट फास्ट चार्जिंग सपोर्ट


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इसमें माइक्रो एसडी कार्ड से स्टोरेज को 128 जीबी तक बढ़ाया जा सकेगा


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ट्विटर पर लोकप्रियता के मामले में आरबीआई बैंक सबसे आगे, 7.47 लाख से ज्यादा हुए फॉलोअर्स, अमेरिका-यूरोप के केन्द्रीय बैंक भी पीछे

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अमेरिका और यूरोप से भले ही मौद्रिक क्षमता के मामले में ज्यादा शक्तिशाली नहीं है लेकिन लोकप्रियता के मामले में आरबीआई इनसे आगे निकल गई है। गुरुवार शाम तक माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आरबीआई के लगभग 7.47 लाख फॉलोअर्स हो गए हैं। केंद्रीय बैंक के एक अधिकारी के अनुसार, सिर्फ 20 अप्रैल को ही आरबीआई के ट्विटर हैंडल पर 1.31 लाख नए फॉलोअर्स जुड़े हैं। बता दें कि आरबीआई और उसके गवर्नर शक्तिकांत दास के ट्विटर अकाउंट अलग-अलग हैं।

फॉलोअर्स की संख्या में दोगुना बढ़ोतरी
अधिकारी के मुताबिक, मार्च 2019 के मुकाबले ट्विटर पर फॉलोअर्स की संख्या में दोगुना बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल मार्च में सेंट्रल बैंक के ट्विटर हैंडल पर करीब 3,42,000 फॉलोअर्स थे जो कि अब बढ़कर 7,50,000 हो गए हैं। बता दें कि आरबीआई ने जनवरी 2012 में अपना ट्विटर अकाउंट बनाया था। इस लिस्ट में आरबीआई के बाद दूसरे नंबर पर इंडोनेशिया का केंद्रीय बैंक है और तीसरे स्थान पर 7.11 लाख फॉलोअर्स के साथ लैटिन अमेरिकी कंट्री बैंक-डे-मैक्सिको, एपेक्स बैंक ऑफ मैक्सिको है।


आरबीआई अभियान के चलते बढ़ा फॉलोअर्स
बता दें कि लाॅकडाउन के दौरान आरबीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट 'RBI Says' सुरक्षा अभियान की शुरूआत की है। इसी नाम से एक फेसबुक पेज भी शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत आरबीआई लोगों को बैंक शाखाओं में न जाकर स्वस्थ और सुरक्षित रहने की सलाह दे रहे हैं। अभियान बैंक से संबंधति अन्य सूचनाओं के बारे में भी जानकारी दिया जा रहा है। एक अधिकारी के मुताबिक, 25 मार्च से शुरू लाॅकडाउन के दौरान बैंक के फॉलोअर्स की संख्या में 1.5 लाख से ज्यादा की वृद्धि हुई है।



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लाॅकडाउन के दौरान आरबीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट 'RBI Says' सुरक्षा अभियान की शुरूआत की है


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जूम ऐप को चुनौती देगा गूगल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप मीट, दुनियाभर के यूजर्स फ्री में इस्तेमाल कर सकेंगे

लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप के बढ़ते क्रेज को देखते हुए गूगल ने अपनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप मीट को दुनियाभर के यूजर्स के लिए फ्री कर दिया है। कंपनी ने बताया कि आने वाले कुछ हफ्तों के भीतर सभी यूजर्स इसे फ्री में इस्तेमाल कर सकेंगे। अभी तक इस प्रीमियम ऐप का पेड वर्जन अवेलेबल था। गूगल मीट में एक साथ 100 पार्टिसिपेंट्स एक घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकेंगे। गूगल मीट का मुकाबला जूम ऐप से देखने को मिलेगा। जूम के फ्री वर्जन में भी 100 प्रतिभागी एक साथ 40 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़ सकते हैं।

100 प्रतिभागी एक साथ जुड़ सकेंगे
गूगल क्लाउड की प्रोडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर स्मिता हाशिम ने बताया कि गूगर मीट के सभी के लिए फ्री होने से अब कोई भी यूजर मीटिंग होस्ट कर सकेंगे, जिसमें 100 प्रतिभागी 60 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हो सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि गूगल मीट न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि विश्वसनीय भी है। हमें उम्मीद है कि हमारे हैंगआउट यूजर अब गूगल मीट पर स्विच हो जाएंगे।

लेआउट भी चेंज करेगी कंपनी
कंपनी ने बताया कि हम कुछ आवश्यक सर्विस को ही फ्री कर रहे हैं। फिलहाल गूगल मीट को मोनेटाइज करने की हमारी कोई योजना नहीं है। हमें उम्मीद है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आने वाले समय में भी एक आवश्यक सेवा बनी रहेगी, उन्होंने कहा कि कंपनी की भविष्य में गूगल मीट के लेआउट में बदलाव करने की भी योजना है।

रोज जुड़ रहे हैं 3 करोड़ नए यूजर्स
जनवरी में लॉन्च हुई गूगल मीट का रोजाना इस्तेमाल अबतक 30 गुना तक बढ़ गया है। वर्तमान में ऐप 300 करोड़ वीडियो मीटिंग होस्ट करता है और ऐप पर रोजाना 3 करोड़ नए यूजर्स जुड़ते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले हफ्ते रोजाना मीट ऐप इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार हो गया था।

फ्री मिलेंगे सभी एडवांस्ड फीचर्स
मई से कोई भी यूजर ईमेल एड्रेस से मीट ऐप में साइनअप कर ऐप के सभी खास फीचर्स इस्तेमाल सकेगा, जो अभी तक गूगल बिजनेस और एजुकेशन अकाउंट यूजर्स के लिए उपलब्ध थे। इनमें सिंपल शेड्युलिंग, स्क्रीन शेयरिंग, रियल-टाइम कैप्शन और प्राथमिकता के अनुसार लेआउट चुनना शामिल है। कंपनी ने बताया कि यह सुविधा सिर्फ उन्हीं यूजर्स को मिलेगी, जिनके पास गूगल अकाउंट होगा। 30 सितंबर से हम जी सूइट भी जरूरी कर देंगे, जिसमें कई एडवांस्ड फीचर्स फ्री मिलेंगे।



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गूगल मीट ऐप फ्री में इस्तेमाल करने के लिए गूगल अकाउंट होना अनिवार्य है


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कोरोना के लिए एपल ने फेस ID फीचर में किया बदलाव, चेहरे पर मास्क हुआ तो सीधे पिनकोड एंट्री स्क्रीन खुलेगी

एपल नए फीचर पर काम कर रहा है, जिसमें मास्क पहने हुए भी फेस आईडी सपोर्ट करने वाले आईफोन को अनलॉक किया जा सकेगा। यह नया फीचर आईओएस 13.5 बीटा वर्जन में मिलेगा, जिसमें यूजर के चेहरे पर मास्क होने पर फेस आईडी फंक्शनैलिटी ऑटोमैटिक स्विच होकर पिनकोड में कन्वर्ट हो जाएगी, जिसके बाद पासवर्ड डालकर फोन अनलॉक किया जा सकेगा। कोरोना महामारी के दौरान यह फीचर काफी महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि कई जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, ऐसे में फोन अनलॉक करने के लिए मास्क हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

मास्क देखकर खुद स्किप हो जाएगा फेस आईडी फीचर

  • हालांकि, आईफोन X या उससे ऊपर के मॉडल्स में बाय डिफॉल्ट फेस आईडी ऑथेंटिकेशन मिलता है, जो ट्रू डेप्थ कैमरे के जरिए यूजर का फेशियल डेटा कलेक्ट करता है। हालांकि यूजर के पास स्क्रीन स्वाइप करके पासवर्ड डालने की सुविधा भी मिलती है।
  • लेकिन लेटेस्ट आईओएस 13.5 बीटा वर्जन में कंपनी ने सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया है कि अगर फेसआईडी को यूजर के चेहरे पर मास्क या उससे मिलता-जुलता कोई ऑब्जेक्ट दिखता है, तो सीधे पासवर्ड एंट्री स्क्रीन खुल जाएगी। यूजर स्क्रीन स्वाइप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

शुरुआत में कुछ ही यूजर को मिलेगा फीचर
शुरुआती तौर में टेस्टिंग के लिहाज से फीचर सिर्फ लेटेस्ट आईओएस 13.5 बीटा वर्जन के डेवलपर्स को ही मिलेगा। जल्द ही कंपनी इसे स्टेबल वर्जन यूजर्स के लिए भी जारी करेगी।

रॉबर्ट पीटरसन नाम के यूजर इस फीचर का स्क्रीनशॉट ट्वीटर पर शेयर किया है, जिसमें इस फीचर की झलक देखने को मिल रही है।



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यह नया फीचर आईओएस 13.5 बीटा वर्जन के जरिए मिलेगा


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25 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगा लेनोवो का M2 इलेक्ट्रिक स्कूटर, फुल चार्ज में 30 किमी. की दूरी तय करेगा

लेनोवो ने अपने M2 इलेक्ट्रिक स्कूटर को चीन में पेश कर दिया है। यह फिलहाल प्री-बुकिंग के लिए उपलब्ध है और दो कलर ऑप्शन में अवेलेबल है। 12 किलो वजनी यह स्कूटर 25 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने में समक्ष है। कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज होने में इसे 3 से 4 घंटे लगते हैं। इसकी कीमत 21 हजार रुपए के लगभग है। इसका मुकाबला पिछले दिनों चीन में लॉन्च हुए श्याओमी Mijia इलेक्ट्रिक स्कूटर 1S से होगा। इसकी कीमत 22 हजार रुपए के लगभग है। भारत में इस तरह के इलेक्ट्रिक स्कूटर इतने लोकप्रिय नहीं है लेकिन चीन में यह काफी पॉपुलर हैं।

लेनोवो M2 इलेक्ट्रिक स्कूटर: कीमत और उपलब्धता

  • लेनोवो साइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एम2 इलेक्ट्रिक स्कूटर ब्लैक और व्हाइट कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। यह प्री-बुकिंग के लिए उपलब्ध है और इसकी कीमत 21360 रुपए है।
  • फिलहाल यह सिर्फ चीन में अवेलेबल है। उम्मीद की जा रही है कि कंपनी इसे भारतीय बाजार में भी लॉन्च करेगी।

लेनोवो M2 इलेक्ट्रिक स्कूटर: फीचर्स एंड स्पेसिफिकेशन

  • कंपनी के मुताबिक, इसकी टॉप स्पीड 25 किलोमीटर प्रतिघंटा है। फुल चार्ज होने पर यह 30 किमी तक की दूरी तय कर सकती है। यानी कहा जा सकता है कि आसपास या कम दूरी का सफर करने के लिए स्कूटर इस्तेमाल की जा सकता है।
  • इसमें लिथियम बैटरी लगी है, जो 350 वॉट का पावर आउटपुट जनरेट करती है। बैटरी को फुल चार्ज होने में तीन से चार घंटे का समय लगता है। बैटरी लेवल को वीचैट ऐप से भी भी चेक किया जा सकता है। यह सिर्फ 12किलो वजनी है।
  • इसमें ट्रिपल ब्रेक सिस्टम मिलेगा, साथ ही यह ट्रिपल शॉक एब्जॉर्बशन सिस्टम से लैस है। ब्रेक सिस्टम में सब ब्रेक, डिस्क ब्रेक और फुट ब्रेक शामिल हैं जबकि शॉक एब्जॉर्बशन सिस्टम में हाइड्रॉलिक शॉक एब्जॉर्बर, हिडन शॉक एब्जॉर्बर और टायर डैम्पर शामिल हैं।
  • इसमें एलईडी कंट्रोल पैनल मिलेगा, जिसमें स्पीड, पावर, गियर और अन्य चीजों की जानकारी मिलती है। इसकी बॉडी एल्युमिनियम अलॉय से बनी है और डस्ट-वॉटर रेजिस्टेंट के लिए इसे IP54 रेटिंग दी गई है।


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इसके बैटरी लेवल को वीचैट ऐप से भी भी चेक किया जा सकेगा


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अमेरिका ने अमेजन की पांच फॉरेन वेबसाइटों को ब्लैक लिस्ट किया, कंपनी ने कहा- यह कदम राजनीति से प्रेरित, बेजोस से निजी दुश्मनी निकाल रहे ट्रम्प

लॉकडाउन में भी भारी मुनाफा कमाने वाले कंपनी अमेजन की पांच फॉरेन साइटों को अमेरिकी सरकार में ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इसमें यूके, जर्मनी, फ्रांस, इंडिया और कनाडा की साइट शामिल हैं। अमेरिकी प्रशासन में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर नकली और पायरेटेड प्रोडक्ट्स की बिक्री करने का आरोप लगाया है। इस पर अमेजन ने सफाई देते हुए अमेजन ने कहा- कि ट्रम्प सरकार का यह कदम साफतौर से राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि प्लेटफार्म पर अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए भारी निवेश कर रखा है।

अमेजन पर नकली सामान बेचने की कई शिकायतें मिली
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधी कार्यालय ने बताया यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि देश में अमेजन पर नकली सामान बेचने की कई शिकायतें आ रही थी।

जेफ बेजोस से निजी दुश्मनी निकल रहे ट्रम्प- अमेजन
अमेजन ने बताया कि अमेजन के फाउंडर और सीईओ जेफ बेजोस और राष्ट्रपति ट्रम्प के आपसी मतभेद के कारण इस तरह का कदम उठाया गया है और यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। हालांकि सूची में कोई कानूनी भार नहीं है लेकिन इसमें नाम आने से कंपनियां पर एक सवालिया निशान खड़ा हो जाता है, खासतौर से अमेजन जैसी पॉपुलर कंपनियों पर ज्यादा असर पड़ता है।

यह साफतौर से राजनीतिक षडयंत्र है- अमेजन
कंपनी ने एक बयान में कहा कि- यह साफतौर से राजनीतिक षडयंत्र है। क्योंकि अमेजन के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन ने अमेरिकी सरकार का उपयोग किया। ऑनलाइन शॉपिंग की दिग्गज कंपनी ने यह भी कहा कि उसने नकली उत्पादों को अपने प्लेटफार्म पर बेचे जाने से रोकने के लिए टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण निवेश किया है। अमेज़न की अमेरिकी वेबसाइट को सूची से बाहर रखा गया था।

साइट पर विक्रेताओं के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, कई शिकायतें सामने आईं जिसमें अमेजन साइटों ने विक्रेताओं के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी है और नकली सामान बेचने वाले प्लेटफार्मों को साइट से हटाने की प्रक्रिया लंबी और बोझिल थी। अमेजन ने अपने बयान में कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए काफी निवेश किया था, और पिछले साल प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने से पहले 6 बिलियन से अधिक खराब लिस्टिंग को ब्लॉक कर दिया गया था। अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम नकली सामन की बिक्री में सक्रिय हैं।

अमेजन पर पहले भी आरोप लगा चुके ट्रम्प
ट्रम्प अक्सर अमेजन और व्यक्तिगत रूप से जेफ बेजोस के साथ कई बार भिड़ गए हैं, जिन्होंने हाल ही में वाशिंगटन पोस्ट अखबार खरीदा है। इससे पहले भी ट्रम्प अमेजन पर पर्याप्त टैक्स नभरने का आरोप लगा चुके हैं।



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इससे पहले भी ट्रम्प अमेजन पर पर्याप्त टैक्स न भरने का आरोप लगा चुके हैं


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Dozens of Decomposing Bodies Found in Trucks at Brooklyn Funeral Home


By Alan Feuer, Ashley Southall and Michael Gold from NYT New York https://ift.tt/2KIDw4f