Thursday 31 October 2019

इसे फेस्टिव सीजन श्याओमी ने बेचे कुल 1.2 करोड़ डिवाइस, पिछले साल यह आंकड़ा सिर्फ 85 लाख था

गैजेट डेस्क. चीनी कंपनी श्याओमी ने इस फेस्टिव सीजन भारतीय बाजार में कुल 1.2 करोड़ डिवाइस बेचे। श्याओमी ने बताया कि 28 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच कंपनी ने भारत में स्मार्ट फोन, टीवी और अन्य गैजेट समेत कुल 1.2 करोड़ डिवाइस बेचे। कंपनी का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस फेस्टिव सीजन में 40% ग्रोथ देखने को मिली।

  1. हेड ऑफ कैटेगरीज एंड ऑनलाइन सेल्स रघु रेड्डी ने बताया कि फेस्टिव सीजन हमेशा से ही श्याओमी के लिए सबसे बड़ा शॉपिंग सीजन रहा है, जिसे हम और हमारी टीम एमआई फैंस के साथ सेलिब्रेट करते हैं।

  2. फेस्टिव सीजन के दौरान कंपनी ने कुल 85 लाख स्मार्टफोन्स बेचे। इस साल सबसे ज्यादा डिमांडिंग स्मार्टफोन रेडमी नोट 7 रहा। कंपनी ने इस साल 6 लाख एमआई टीवी की बिक्री की।

  3. रेड्डी ने आगे बताया कि इस फेस्टिव सीजन हमे उम्मीद से ज्यादा सेल्स देखने को मिली। हमने अन्य प्लेटफार्म की तुलना में कहीं ज्यादा डिवाइस (1.2 करोड़) बेचे। पिछले साल हमने सिर्फ 85 लाख डिवाइस ही बेचे थे।

  4. श्याओमी डिवाइस में श्याओमी स्मार्टफोन समेत एमआई टीवी, एमआई इकोसिस्टम और एक्सेसरीज प्रोडक्ट शामिल है। कंपनी ने इन्हें एमआई डॉट कॉम, एआई होम, फ्लिपकार्ट, अमेजन और ऑफलाइन रिटेल स्टोर्स के जरिए बेचा।

  5. इससे पहले श्याओमी ने कंफर्म किया था कि फेस्टिव सेल्स शुरू होने के पहले कुछ दिनों में ही कंपनी ने 53 लाख डिवाइस बेच दिए थे।



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Stick to Sports? No Way. Deadspin Journalists Quit en Masse.


By MARC TRACY from NYT Business https://ift.tt/31YbsQz

गूगल पे लाया बायोमेट्रिक सिक्योरिटी फीचर, फिंगरप्रिंट और फेस रिकॉग्नाइजेशन से होगा पेमेंट

गैजेट डेस्क. गूगल अपने डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म गूगल पे को पहले से ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक बना दिया है। गूगल ने अपने ऐप में बायोमेट्रिक सिक्योरिटी फीचर (2.100) वर्जन जोड़ दिया है। इस नए फीचर के बदौलत मनी ट्रांसफर करने के लिए यूजर को पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब पिन के अलावा फिंगरप्रिंट और फेस रिकॉग्नाइजेशन के जरिए भी ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा। फिलहाल यह फीचर सिर्फ एंड्रॉयड 10 डिवाइस में ही उपलब्ध है।

  1. इससे पहले गूगल पे यूजर ट्रांजेक्शन करने के लिए पिन का इस्तेमाल करते थे ताकि उनका ट्रांजेक्शन सुरक्षित रहे। लेकिन लेटेस्ट अपडेट में पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गूगल ने ऐप में बायोमेट्रिक एपीआई का फीचर जोड़ा है जो पहले से तेज और सुरक्षित है। इसे पारंपरिक पिन सिक्योरिटी फीचर के रिप्लेसमेंट के तौर भी देखा जा रहा है।

  2. फिलहाल यह फीचर भारत में उपलब्ध नहीं है। भारतीय यूजर्स को अभी भी यूपीआई पिन की मदद से ही पेमेंट करना होगा। यह फीचर सिर्फ एंड्रॉयड 10 डिवाइस में ही उपलब्ध है। एंड्रॉयड पुलिस कि रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही नए अपडेट को एंड्रॉयड 9 यूजर्स के लिए भी जारी किया जाएगा।

  3. यूजर्स को यह ऑप्शन सेडिंग मनी सेक्शन के नीचे दिखाई देगा। यूजर पिन से बायोमेट्रिक सिक्योरिटी में स्विच कर सकेंगे। पेमेंट को और सुरक्षित बनाने के लिए यूजर्स दोनों ऑप्शन भी इस्तेमाल कर सकेंगे। इस फीचर का इस्तेमाल सिर्फ मनी ट्रांसफर के लिए ही किया जा सकता है। इसे स्टोर्स पर एनएफसी पेमेंट्स के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते।



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      Biometric security feature came in Google Pay, now you can pay with fingerprint and face recognition


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Navy Reduces Punishment for SEAL in War Crimes Case


By DAVE PHILIPPS from NYT U.S. https://ift.tt/2JxP1vv

नए अवतार में वापसी करेगी मोटो 360 स्मार्टवॉच, मिलेंगे तीन कलर ऑप्शन, 25 हजार रु. होगी कीमत

गैजेट डेस्क. मोटोरोला की पॉपुलर स्मार्टवॉच मोटो 360 एक बार फिर ग्लोबल मार्केट में वापसी करने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक इसकी मैन्युफैक्चरिंग ईबायनाउ (eBuyNow)कंपनी द्वारा की जा रही है। नई मोटो 360 में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। नई मोटो 360 में फुली सर्क्युलर डिस्प्ले दिया गया है जो पहले से थोड़ा अलग होगा। 2014 में लॉन्च हुई फर्स्ट जनरेशन मोटो 360 उस समय की पॉपुलर स्मार्टवॉच थी। यह राउंड केस में आने वाली पहली एंड्रॉयड वियर वॉच थी। 2015 में इसका सेकंड जनरेशन मॉडल आया था।

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    • नई मोटो 360 को ईबायनाउ कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है। थर्ड जनरेशन मोटो 360 की कीमत 25 हजार रुपए तक होगी।
    • इसकी प्री-बुकिंग नवंबर से शुरू होगी, इसे मोटो 360 डॉट कॉम से बुक किया जा सकेगा।
    • रिपोर्ट के मुताबिक इसकी बिक्री दिसंबर तक शुरू हो सकती है। इसे फैंटम ब्लैक, रोज गोल्ड और स्टील ग्रे कलर में बेचा जाएगा।
    • स्मार्टवॉच गूगल के वियर ओएस पर रन करेगी। इसमें 360x360 पिक्सल रेजोल्यूशन वाला 1.2 इंच का फुली सर्क्युलर ओएलईडी डिस्प्ले मिलेगा।
    • क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 3100 प्रोसेसर से लैस इस वॉच में 1 जीबी रैम और 8 जीबी का स्टोरेज भी मिलेगा।
    • यह डिवाइस हार्ट रेट मॉनिटर, जीपीएस, मोबाइल पेमेंट के लिए एनएफसी और गूगल पे सपोर्ट जैसे फीचर्स से लैस होगी।
    • इसमें 355 एमएएच बैटरी होगी। कंपनी का कहना है कि यह 24 घंटे का बैकअप देगी। हालांकि बैटरी सेविंग मोड में यह तीन दिन तक चलेगी।
    • बैटरी को 0-100% तक चार्ज होने में 4 घंटे का समय लगेगा। 52 ग्राम वजनी इस वॉच में कस्टमाइजेबल एक्शन बटन भी मिलेगा।


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      Moto 360 smartwatch will return in new look design, will get three color options, Will cost 25 thousand rupees
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अमेजन, एपल और अलीबाबा टेक इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा उथल-पुथल मचाने वाली कंपनियां; गूगल, नेटफ्लिक्स भी टॉप-10 में

गैजेट डेस्क. अमेजन, एपल और अलीबाबा दुनियाभर की टेक इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा उथल-पुथल मचाने वाली (डिसरप्टिंग) कंपनियां हैं। यह जानकारी केपीएमजी की रिपोर्ट से सामने आई है। केपीएमजी ने टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के 740 बिजनेस लीडर्स से बातचीत कर यह रिपोर्ट जारी की है। डीजेआई, गूगल, नेटफ्लिक्स, एयरबीएनबी, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और बायडू भी टॉप-10 में जगह बनाने में सफल रही है। ज्यादातर टेक इंडस्ट्री लीडर्स ने सर्वे में कहा है कि पिछले तीन साल में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सबसे ज्यादा उथल-पुथल मचाने वाले रहे हैं। इसके बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों का नंबर आता है। केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक टेक इंडस्ट्री से जुड़े युवाओं और इसके लीडर्स के बीच उभरते हुए ग्लोबल टेक्नोलॉजी इनोवेशन और विजनरी के मुद्दे पर राय अलग-अलग है।

टॉप-10 में शामिल कंपनियों में अमेजन और अलीबाबा मूलतः ई-कॉमर्स कंपनियां हैं। हालांकि, ये अब अपने टेक प्रोडक्ट्स भी उतार चुकी हैं। अमेजन अभी स्मार्ट स्पीकर सिस्टम मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी है। वहीं, अलीबाबा भी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सहित कई अन्य बिजनेस में उतर चुकी है। एपल गैजेट कंपनी है। आईफोन, आईपैड और मैकबुक इसके मुख्य प्रोडक्ट हैं। साथ ही कंपनी स्मार्ट वॉच भी बनाती है। एपल अब वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑनलाइन गेमिंग के बिजनेस में भी उतर चुकी है।

डीजेआई गिम्बल, ड्रोन, एक्शन कैमरा आदि बनाती है। गूगल इंटरनेट कंपनी है। सर्च इंजन के साथ शुरुआत करने वाली गूगल अल्फाबेट नाम की पैरेंट कंपनी के तहत आती है। पिक्सल सीरीज के स्मार्टफोन के अलावा यह मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड की निर्माता भी है। नेटफ्लिक्स वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी है।

एयरबीएनबी हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम करती है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी है। यह भी कई अन्य बिजनेस में उतर चुकी है। फेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी हैं। वहीं, बायडू चीन की इंटरनेट कंपनी है।


सुंदर पिचाई सबसे इनोवेटिव और विजनरी सीईओ
टेक बिजनेस से लीडर्स के मुताबिक इनोवेशन और विजनरी होने के मामले में गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई पहले स्थान पर हैं। इसके बाद टेस्ला और स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क का नंबर आता है। वहीं मिलेनियल्स की राय में इनके अलावा हुवावे के सीईओ रेन झेंगफेई, श्याओमी के सीईओ लेई जुन और सॉफ्ट बैंक के सीईओ मासायोशी सोन भी विजनरी हैं।



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Amazon, Apple and Alibaba are the most turbulent companies in the tech industry; Google, Netflix also in top-10


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12 लाख भारतीयों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डेटा चोरी, हैकर ऑनलाइन बेच रहे

नई दिल्ली .देश के 12 लाख से ज्यादा डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लीक हो गई है। इसके डेटा ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना है कि यह इस साल की सबसे बड़ी हैकिंग है। डेटा की शुरुआती जांच में पता चला है कि इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण ट्रैक-2 डेटा भी चोरी हुआ है, जो कार्ड के पीछे मैग्नेटिक स्ट्रिप में होता है। इसमें ग्राहक की प्रोफाइल और लेनदेन की सारी जानकारी होती है।

ट्रैक-1 डेटा में सिर्फ कार्ड नंबर ही होते हैं, जो सामान्य है। सिंगापुर की साइबर डेटा एनालिसिस करने वाली नामी संस्था ग्रुप आईबी के अनुसार हैकर्स की वेबसाइट जोकर स्टैश पर 13 लाख बैंक कार्ड की बिक्री हो रही है। इसमें 98% भारतीयों के हैं, 18% तो एक ही बैंक के हैं। इस बैंक के नाम का खुलासा नहीं हुआ है। हर कार्ड का डेटा 100 डॉलर (करीब 7 हजार रु.) में बेची जा रहा है। अंदेशा है कि हैकिंग के अलावा डेटा एटीएम या पीओएस में स्किमर से भी चुराए गए हैं।

नुकसान की भरपाई बैंकों की ही जिम्मेदारी:पवन दुग्गल, सायबर विशेषज्ञ

बैंकों को बड़े लेनदेन तफ्तीश के बाद क्लीयर करने चाहिए :बैंकों को कार्ड से हुए बड़े लेनदेन तफ्तीश और ग्राहक से बात करने के बाद क्लीयर करने चाहिए। आरबीआई के नियमों के मुताबिक,यदि कार्ड दुरुपयोग में उपभोक्ता की गलती नहीं है, तो भरपाई बैंक को करनी होगी।

ग्राहक लेनदेन करने वाले कार्ड में सीमित पैसा ही रखें :असुरक्षित वेबसाइटों पर लेनदेन से बचेंं। जिस कार्ड से लेनदेन करते हैं, उस खाते में सीमित पैसा रखें। संदिग्ध निकासी दिखे तो तुरंत पुलिस व बैंक को लिखित सूचना दें। इससे नुकसान की जिम्मेदारी बैंक की ही होगी।

सरकार को पेमेंट नेटवर्क सुरक्षित बनाने चाहिए :भारत के पेमेंट नेटवर्क असुरक्षित हैं। इसे दुरुस्त करें। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति (2013) कागजी घोड़ा भर है। कड़े साइबर सुरक्षा कानून की जरूरत है। साइबर सुरक्षा के कल्चर को अपनाने में हम विफल रहे हैं।

जोकर्स स्टैश के पीछे फिन-7 संगठन, जो अबतक डेटा बेचकर 7 हजार करोड़ रु. कमा चुका है पर ये हैं कौन, किसी को पता नहीं :जोकर्स स्टैश एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां अपराधी पेमेंट कार्ड डिटेल्स की खरीद-फरोख्त करते हैं। कार्ड की क्लोनिंग करके पैसे चुराए जाते हैं। ये दुनियाभर के 1 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के कार्ड हैक कर चुके हैं। ये ग्रुप ट्रम्प प्रशासन के अफसरों के सोशल सिक्योरिटी नंबर तक बेच चुका है।

रूसी हैकर्स होने की आशंका :जोकर्स स्टैश के पीछे फिन-7 डेटा हैकिंग संगठन है। ये कंपनियों के डेटा नेटवर्क को हैक करके डिटेल चुराते हैं। ये लोग डेटा से 7 हजार करोड़ रु. कमा चुके हैं। इसे चलाने वाले लोग कौन हैं, इसका पता नहीं लग सका है। अनुमान है कि ये रूस के हैकर्स हैं।



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Credit-debit card data of 1.2 million Indians stolen


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