गैजेट डेस्क. भारतीय मोबाइल कंपनियां देश में 5जी नेटवर्क सर्विस पेश करने की योजना को पांच सालों के लिए टाल सकती हैं। वे इसके पीछे बहुत ज्यादा बेस प्राइस, अपर्याप्त स्पेक्ट्रम और नए बैंड्स की कम उपलब्धता को कारण बता रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के डायरेक्टर जनरल राजन एस मैथ्यू ने मंगलवार को कहा, 'हम 5जी को कम से कम पांच साल के लिए टालने जा रहे हैं। देश के ऑपरेटरों का यही नजरिया है।' उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में प्राइसिंग की दिक्कत थी। फिर बाद में अन्य समस्याएं भी आ गईं। सीओएआई देश की सभी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों भारतीय एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया का प्रतिनिधत्व करती है। साथ ही हुवावे, एरिक्सन, सिस्को और सिएना जैसी कंपनियां भी इसका हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि प्राइसिंग इस इंडस्ट्री के लिए शुरुआती समस्या के रूप में सामने आई। 1 मेगाहर्ट्ज की कीमत 492 करोड़ है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों और कर्ज को देखते हुए ज्यादातर कंपनियों का मानना है कि इतनी राशि चुकाना संभव नहीं है।
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