गैजेट डेस्क. टेलरों ने बहुत समय पहले तय कर लिया था कि पुरुष और महिला के आकार भिन्न हैं। लेकिन, डिजाइन के अन्य क्षेत्रों में यह बात नहीं पहुंच पाई है। उदाहरण के लिए 1880 में बने कार के सीट बेल्ट अब भी पुरुषों के लिए अनुकूल हैं। वह ड्राइविंग करते समय महिलाओं की तुलना में बहुत पीछे बैठते हैं। कामगारों के अधिकतर सुरक्षा उपकरण पुरुष शरीर को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं। सिलिकॉन वैली तक अपने प्रोडक्ट में भेदभाव से चिपकी है। वर्चुअल रियलिटी हैडसेट का इस्तेमाल करते हुए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के स्वयं को बीमार महसूस करने की संभावना अधिक रहती है। 90% महिलाओं की आंखों की पुतलियां सामान्य हैडसेट की सेटिंग के मुकाबले अधिक नजदीक रहती हैं। अधिकतर स्मार्ट फोन इतने बड़े होते हैं कि औसत महिला के हाथ में सहजता से फिट नहीं बैठते हैं। कई वीडियो गेम कंट्रोलर भी ऐसे ही हैं।
सिलिकॉन वैली की डिजाइन समस्या की जड़ उसके नेतृत्व में है। ज्यादातर कंपनियों पर पुरुषों का नियंत्रण है। पुरुषों की कंपनियों को 82% वेंचर केपिटल फंडिंग मिलती है। आंत्रप्रेन्योर अक्सर स्वयं को निजी तौर पर प्रभावित करने वाली जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट बनाते हैं। संभव है, कंपनियों के पुरुष प्रमुख और आंत्रप्रेन्योर को महिलाओं की समस्याओं का अहसास न हो। एपल की स्मार्ट वॉच या आईफोन हेल्थ एप में महिलाओं की मासिक क्रिया की ट्रेकिंग शामिल नहीं है। अमेजन का एक कंप्यूटर सिस्टम लगातार लैंगिक भेदभाव करता था। किसी डिवाइस की टेस्टिंग भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। डिवाइस के प्रोटोटाइप को बहुत बड़े समूह पर टेस्ट किया जाता है। इसमें भेदभाव का खतरा रहता है। डिजाइनर वही सुनना चाहेंगे जो वे पसंद करते हैं। वे कुछ अन्य यूजर के समूह की नकारात्मक प्रतिक्रिया खारिज कर सकते हैं।
वर्चुअल रियलिटी हैडसेट से महिलाओं को होने वाली कठिनाई पर अध्ययन करने वाले मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के थॉमस स्टोफ्रेजेन ने पाया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं चार गुना अधिक प्रभावित होती हैं। वे कार ड्राइविंग का उदाहरण देते हैं। उनका कहना है, स्टीयरिंग व्हील घुमाते समय ड्राइवर को अपना सिर सड़क की ओर रखना पड़ता है। दिशा बदलते समय उन्हें अपना शरीर स्थिर रखना होता है। शरीर को यहां-वहां करना पड़ता है। कार में लंबा समय बिताने पर लोग इसके साथ तालमेल बिठा लेते हैं। लेकिन, वर्चुअल या आभासी वातावरण में लोगों को ऐसा करने में कठिनाई होती है। जब वर्चुअल कार मुड़ती है तब वे झुकते हैं लेकिन वे स्थिरता से अलग हट रहे होते हैं। इससे खासतौर से महिलाएं प्रभावित होती हैं क्योंकि उनमें पुरुषों की तुलना में गुरुत्व बल कम रहता है।
ऐसा लगता है कि स्थिति में परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है। महिलाओं के स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों पर फोकस करने वाली कंपनियां इस वर्ष के अंत तक एक अरब डॉलर की पूंजी जुटा सकती हैं। वेंचर फंड और टेक्नोलॉजी कंपनियों में अधिक महिलाओं की नियुक्ति हो रही है।
महिलाओं के पास 40 लाख करोड़ रु. के खर्च का नियंत्रण
डिजाइन में भेदभाव को नैतिक, सुरक्षा और व्यावसायिक कारणों से दुरुस्त करने की जरूरत है। लेखक क्रिएडो पेरेज कहती हैं, यह गलत है कि महिलाओं को पुरुषों की सुविधा की दृष्टि से काम चलाना पड़े। जहां तक सुरक्षा का प्रश्न है, सरकारी एजेंसियों को कारों के सीट बेल्ट सहित महिलाओं के लिए खतरनाक वस्तुओं पर रोक लगानी चाहिए। विश्व की आबादी में लगभग 50% महिलाएं हैं। वे कंज्यूमर खर्च के 70-80% फैसले लेती हैं। उनके हाथ में साल भर में 40 लाख करोड़ रुपए के खर्च का नियंत्रण है।
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