Thursday 21 November 2019

चीन में बने 1.13 लाख 5G बेस स्टेशन, 2020 से पहले 1.30 लाख स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य

गैजेट डेस्क. बीजिंग में वर्ल्ड 5जी कन्वेंशन शुरू हो चुका है। इंडस्ट्री एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर मोआओ वेई ने इवेंट में कहा कि चीन में 1.13 लाख 5जी बेस स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं, वहीं साल के अंत तक इनकी संख्या 1.30 लाख के पार पहुंचने की संभावना है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन में 5जी तकनीक का काफी तेजी से विस्तार हो रहा है। देश में 5जी नेटवर्क का विस्तार करने के लिए चीनी सरकार ने अन्य ग्लोबल कंपनियों और रिसर्च इंस्टीट्यूशन की भी मदद ले रही है।

मिआओ ने आगे बताया कि वर्तमान में 5जी पैकेज का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 8.70 लाख सब्सक्राइबर्स तक पहुंच गई है। यानी लोग इसे काफी तेजी से अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से न सिर्फ डिजिटल अर्थव्यवस्था को फायदा होगा बल्कि रियल अर्थव्यवस्था का भी तेजी से विकास होगा।

इंटरपर्सनल कम्यूनिकेशन की बात की जाए, तो इस तकनीक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल इंटरनेट ऑफ व्हीकल्स और इंडस्ट्रियल इंटरनेट जैसे सेगमेंट में तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है। मिआओ ने बताया कि चीन में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, इंफॉर्मेशन कंजप्शन, पब्लिक सर्विस, सोशल गवर्नमेंस समेत कई क्षेत्रों में 5जी तकनीक के इस्तेमाल को लेकर प्रोमोशन किया जा रहा है। चीन सभी ग्लोबल कंपनियां और रिसर्च इंस्टीट्यूशन को स्वागत करता है ताकि न सिर्फ मिलकर 5जी नेटवर्क खड़ा किया जा सके बल्कि इसके लाभ का भी मिलकर उपयोग कर सके।

s
  1. 5G तकनीक के मामले में चीन भारत समेत अन्य देशों से आगे निकलता नजर आ रहा है। पिछले महीने चीन के 50 शहरों में आधिकारिक रूप से 5जी सेवा शुरू की गई। चीन के तीन सरकारी टेलीकॉम कंपनी चाइना मोबाइल, चाइना टेलीकॉम और चाइना यूनिकॉम में अपने 5जी प्लान्स भी पेश किए। इन प्लान की शुरुआती कीमत 1300 रुपए से 6000 हजार रुपए प्रति माह तक है। 1300 रुपए में ग्राहकों को 30 जीबी डेटा और 500 मिनट वॉयस चैट की सुविधा मिलेगी जबकि 6000 रुपए में 300 जीबी डेटा मिलेगा।

  2. 5G को इंटरनेट की 5वीं जनरेशन कहा जा रहा है, जिसकी स्पीड 10 जीबीपीएस तक होने की उम्मीद है। इसकी पहुंच सिर्फ मोबाइल इंटरनेट तक ही नहीं बल्कि और भी क्षेत्रों में होगी। इसकी मदद से बड़े से बड़े डेटा को मिनटों में डाउनलोड या अपलोड किया जा सकेगा।

  3. 5G हाई फ्रीक्वेंसी बैंड 3.5GHz से 26GHz पर काम करेगा। इस फ्रीक्वेंसी में वेव लेंथ छोटी होती हैं और हो सकता है कि इसके लिए कम ऊंचाई के मोबाइल टॉवर लगाने की जरूरत पड़े। इसके अलावा इस पर खर्चा भी ज्यादा आएगा और इसके लिए भारी निवेश की जरूरत होगी।

  4. 4G की स्पीड 1,000एमबीपीएस मानी जाती है लेकिन इसकी एवरेज स्पीड अभी भी सिर्फ 45एमबीपीएस ही है। जबकि 5G इससे 10 गुना ज्यादा स्पीड से काम करेगा, हालांकि शुरुआत में ये कितनी स्पीड देगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। हालांकि, 5G आने के बाद एचडी क्वालिटी की फिल्में एक या दो मिनट में ही डाउनलोड की जा सकेंगी, जिन्हें 4G में डाउनलोड करने में ज्यादा समय लगता है।



      Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
      1.13 lakh 5G base stations built in China, target to establish 1.30 lakh stations before 2020


      from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2D4kC45

No comments:

Post a Comment