नई दिल्ली.सड़क पर गड्ढाें से एक साल में देश में 9 हजार से ज्यादा हादसे हुए। इनमें करीब साढ़े तीन हजार लोगों की जानें जा चुकी हैं। गड्ढों की वजह से होने वाले इन हादसों को कम करने के लिए सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) ने मशीन तैयार की है। इसकी मदद से पहले से 5 गुना तेजी से गड्ढों को भरा जा सकेगा। सीआरआरआई ने पहली बार देश में यह तकनीक ईजाद कर पेटेंट करा लिया है। इसे जेसीबी में इस्तेमाल किया जाएगा।
सीआरआरआई मुख्यालय दिल्ली में सोमवार कोमशीन का प्रदर्शन कामयाब रहा। सीआरआरआई के निदेशक सतीश चंद्रा ने बताया कि अगले साल अप्रैल से मशीन बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगी। पहले चरण में 500 मशीनें तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी कीमत की घोषणा बाद में की जाएगी। इन मशीनों से स्थानीय निकायों और पीडब्ल्यूडी को सबसे अधिक मदद मिलेगी। अभी तक मैनुअल गड्ढे भरे जाते थे, जिसमें तीन मशीन और 6-8 लोगों की टीम लगती है,जो पूरे दिन में अधिकतम 25 गड्ढे भर पाती है। लेकिन इस मशीन से 2 लोग एक दिन में 100-100 गड्ढे भर सकते हैं।
मशीन रोलर, कटर,मिक्चर का इस्तेमाल करेगी
मशीन को चलाने के लिए दो लोगों की जरूरत होगी। एक मशीन को चलाने वाला ऑपरेटर और दूसरा गाइड करने वाला कर्मचारी होगा। मशीन, रोलर, कटर मिक्चर तीनों का काम करेगी। इसके प्रयोग से पर्यावरण को बचाए रखने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि इसमें कोल्ड मिक्स तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इससे तारकोल को गर्म करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तरह धुआं नहीं होगा।
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