हेरात. अफगानिस्तान में कोडिंग करने वाली लड़कियों ने एनिमेशन वीडियो में से पुरुष कैरेक्टरों को पूरी तरह हटा दिया है। इनकी जगह महिला कैरेक्टर को हीरो बनाया है। इन लड़कियों का कहना है कि असली हीरो तो ये लड़कियां ही हैं, जो रोज अपने वजूद के लिए लड़ रही हैं। 12 लड़कियों के समूह ने छह माह में अफगान हीरो गर्ल गेम बनाया है। इसे देशभर में लड़कियों द्वारा पसंद किया जा रहा है।
इस मुहिम की शुरुआत कंप्यूटर टीचर और शरणार्थी फरेश्ते फोरोहो ने की हैं। इन्होंने ही कोड टू इंस्पायर की शुरुआत 2015 में की थी। फोरोह बताती हैं कि सभी छात्राओं का मानना है कि वे वीडियो गेम्स और एप में पुरुष हीरो को देख-देखकर बोर हो चुकी हैं। गेमिंग इंडस्ट्री में लड़कियों को जगह ही नहीं दी गई। इसलिए लड़कियों के प्रतिनिधित्व वाले गेम और एप को बनाया है।
हम टेक्नोलॉजी से सशक्तिकरण कर रहे हैं
फोरोह के मुताबिक जिस देश में लड़कियों के लिए सीमित शैक्षणिक और रोजगार के बहुत ही कम मौके हैं। इंटरनेट की पहुंच बहुत कम है। हर कदम पर भेदभाव झेलना पड़ता है। वहां हम टेक्नोलॉजी की मदद से ही बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि हम जो काम कर रहे हैं, वह समानता, सशक्तिकरण के लिए है। इसके जरिए ही हम लड़कियों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता की लड़ाई के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
लड़कियों को गेम-एप में हिम्मती कैरेक्टर दिखाया
- कोडर खतेरा मोहम्मदी का कहना है कि गेम और एप शैक्षणिक और मनोरंजक हैं। जैसे एक गेम में राजकुमारी शैतानी ताकतों को खंजर से खत्म करते हुए आगे बढ़तीहै।
- फाइट अंगेस्ट ओपियम गेम में आतंक से खस्ताहाल हेलमंद प्रांत में सैनिकों की तैनाती पर है। यह गेम सच्ची कहानी पर बना है। किस तरह सैनिकों को दुश्मनों से निपटना पड़ता है, इस मिशन में लड़कियां किस तरह मदद करती हैं।
- फरहाज ओस्मानी ने अफगानी महिलाओं के पारंपरिक लिबास और स्कार्फ से कैरेक्टरों को ढाला है।
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