Wednesday 6 November 2019

वॉट्सऐप इस्तेमाल करने से कतरा रहे यूजर्स; डाउनलोड्स में आई 80% गिरावट, सिग्नल ऐप के तरफ बढ़ा रुझान

गैजेट डेस्क. पिछले हफ्ते पेगासस स्पाईवेयर के कारण विवादों में रही इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप की तरफ लोगों का रुझान काम होता दिखाई दे रहा है। अब यूजर्स इसे इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं। नतीजन, भारत में वॉट्सऐप डाउनलोड्स में 80 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। यूजर्स का अन्य एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड ऐप जैसे सिग्नल और टेलीग्राम की तरफ रुझान बढ़ता दिखाई दे रहा है। पेगासस विवाद के दौरान सिग्नल ऐप के डाउनलोड में 63 फीसदी और टेलीग्राम मैसेंजर के डाउनलोड्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

  1. मोबाइल डेटा एनालिटिक्स एंड इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक विवादों में आने से पहले तक वॉट्सऐप डाउनलोड 8.6 मिलियन (86 लाख) पर था। पिछले हफ्ते वॉट्सऐप इजराइल फर्म एनएसओ ग्रुप के बनाए स्पाईवेयर पेगासस के कारण सुर्खियों में आई। जिसके बाद वॉट्सऐप ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। लेकिन 26 अक्टूबर से 3 नवंबर के दौरान वॉट्सऐप डाउनलोड्स में 1.8 मिलियन (18 लाख) की गिरावट हुई।

  2. इस दौरान एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप सिग्नल के डाउनलोड में 63 फीसदी का इजाफा हुआ, जिसके पहले सिर्फ 9600 डाउनलोड्स थे। वहीं रशिया बेस्ड मैसेजिंग प्लेटफार्म टेलीग्राम मैसेंजर के डाउनलोड्स में भी 10 फीसदी इजाफा हुआ, जो अब 9.20 लाख डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर चुकी है।

  3. सेंसर टॉवर के मुताबिक इसमें डाउनलोडिंग के अलग-अलग आंकडे़ शामिल है, जैसे एपल आईडी और गूगल अकाउंट से सिंगल डाउनलोड, एक अकाउंट से कई डिवाइस में इंस्टॉलेशन और ऐप अपडेट।

  4. 29 अक्टूबर को वॉट्सऐप ने खुद इसकी पुष्टि की थी कि उसने इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। वॉट्सऐप ने आरोप लगाया कि ग्रुप द्वारा बनाए गए स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल भारत समेत दुनियाभर के 1400 से ज्यादा वॉट्सऐप यूजर्स (जिसमें समाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों शामिल थे) की निजी जानकारी जुटाने के लिए किया गया।

  5. जांच में सामने आया कि वॉट्सऐप में ऐसी कई सर्विसेस है जो पेगासस को फैलाने में मदद करती है। हालांकि मामला सुर्खियों में आने के बाद वॉट्सऐप ने यह भी बताया कि मई 2019 में हुए इस हैकिंग के बारे में कंपनी पहले ही भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित कर चुकी थी।

  6. हालांकि वॉट्सऐप हमेशा से ही यह सुनिश्चित करते आया है कि यह प्लेटफार्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मॉडल पर बेस्ड है। इसमें दो लोगों की बीच की गई बातचीत बिल्कुल सुरक्षित रहती है। कोई भी शेयर किए गए वास्तविक कंटेंट को देख और पढ़ नहीं सकता।

  7. इसलिए पेगासस स्पाईवेयर को इंफेक्टेड लिंक के माध्यम से यूजर के स्मार्टफोन में भेजा गया। इस लिंक को एसएमएस, एमएमएस, टेलीग्राम, सिग्नल, ईमेल और अन्य कई तरीकों से यूजर तक भेजा जा सकता है।



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      Users are precluded from using WhatsApp; 80% decline in downloads, increased trend towards signal app


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