Saturday, 23 November 2019

गूगल स्टेडिया की वो बातें जिनकी चर्चा है गेमिंग के दीवानों में

रवि शर्मा पुणे. इसी हफ्ते गूगल ने अपनी गेम स्ट्रीमिंग सर्विस 'स्टेडिया' लॉन्च कर दी है। शुरुआती दौर में यह सर्विस 14 देशों में लॉन्च हुई और भारत अभी इस लिस्ट में नहीं है। जिन देशों में यह नहीं है वहां भी ऑनलाइन गेमर्स के बीच चर्चा में है कि इंटरनेट ने दुनियाभर के गेमर्स को परिवार का रूप दे दिया है। अमेरिका में बैठा जॉन भारत के कबीर के साथ टीम बनाकर 'फोर्टनाइट' खेल सकता है।

1. शुरू में 22 गेमिंग टाइटल्स उपलब्ध हैं। ये प्रो सब्सक्रिप्शन का हिस्सा नहीं हैं। यूजर को हर गेम खरीदना होगा । बचत सिर्फ इतनी कि कोई हार्डवेअर नहीं मिलेगा और ना ही डाउनलोड करने के लिए जगह का इंतजाम करना होगा। कीमत करीब 720 रुपए है।

2. मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर गेम खेला जा सकता है। हर बार अपडेटेड गेम ही खेलने को मिलेगा। लेकिन इसके लिए तेज इंटरनेट की जरूरत होगी। तेज इंटरनेट वालों ने महसूस किया है कि उन्हें लग रहा था कि वो किसी गेमिंग कंसोल पर ही खेल रहे हैं, जबकि स्लो स्पीड के नेट वालों ने महसूस किया था कि यह ऑनलाइन चल रहा है क्योंकि लेटेंसी टाइम मामूली बढ़ गया।

3. इसके कंट्रोलर की तारीफ गेमर्स कर रहे हैं। इसे आरामदायक बताया जा रहा है और बैट्री लाइफ भी अच्छी है। बटन लेआउट बदल गया है और निन्टेंडो के बेहद करीब है।

4. सॉफ्टवेअर की बुराई अभी तक नहीं आई है। ऑनलाइन दोस्तों की लिस्ट यह बताती है और उन लोगों की भी जिनके साथ हाल ही में गेम खेला गया था। इसके कई फीचर्स लाइव नहीं हैं, जो गेमर्स जल्द से जल्द जानना चाहते हैं।

5. गेमर्स को चिंता इस बात की है कि बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी उनके हाथ खाली रह सकते हैं। अगर गूगल यह सर्विस बंद कर दे या सब्सक्रिप्शन जारी नहीं रख पाए तो गेमर के पास कुछ नहीं होगा। जो भी निवेश किया है वो सब शून्य हो जाएगा, अगर सर्विस किसी भी वजह से रुकती है।

6. जब तक ज्यादा लोग सब्सक्रिप्शन नहीं लेते, तब तक गेमिंग का माहौल बनने से रहा। हो सकता है आपने इसे सब्सक्राइब करवाया हो और आपका दोस्त इसे ले ही नहीं। शुरुआती दिक्कतें गेमर्स के लिए कोई छोटी परेशानी नहीं हैं।



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Things about Google Stadia that are discussed in gaming enthusiasts


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