मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़ी रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, पिछले साल की तुलना में दिसंबर 2020 में व्हीकल की मांग बेहतर है। पैसेंजर व्हीकल और ट्रैक्टर्स के लिए इन्वेंटरी सामान्य से कम है। फेस्टिव सीजन और इन्वेंट्री रीफिलिंग (पीवीएस और ट्रैक्टर्स के लिए) से स्पिलओवर की मांग को पूरा करते हुए दिसंबर 2020 में होलसेल बढ़ने की उम्मीद है।
इंडस्ट्री के लीडिंग चैनल पार्टनर्स के साथ हुई बातचीत आशावाद को दर्शाती है। टू-व्हीलर इन्वेंट्री वर्तमान में 30-45 दिनों में खड़ी है, दिसंबर के आखिरी सप्ताह में प्रवेश करते समय पीवी इन्वेंट्री तेजी से बिकने वाले मॉडलों में 4-6 सप्ताह के वेटिंग पीरियड के साथ न्यूनतम स्तर (10-20 दिन) पर रही।
ट्रैक्टर्स की मांग में मजबूती
मीडियम एंड हैवी कमर्शियल व्हीकल (M&HCVs) इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन सेगमेंट की मजबूत मांग को बुनियादी ढांचे पर फिर से लाने के लिए सरकारी खर्च की ओर से देख रहे हैं। जबकि ढुलाई की पूछताछ पिछले साल की तुलना में बेहतर है। ट्रैक्टर्स की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। खुदरा और आपूर्ति में वृद्धि सिर्फ मांग को पूरा करती है। कुल मिलाकर उपभोक्ता की धारणा में सुधार हुआ है, लेकिन बाजार दूसरी कोविड-19 लहर के डर से सतर्क है।
दिसंबर 2020 में होलसेलर्स को M&HCV और 3W को छोड़कर सभी सेगमेंट के लिए बिक्री साल-दर-साल बढ़ने की उम्मीद है। दिसंबर 2020 में टू-व्हीलर के लिए होलसेल वॉल्यूम 14.4% और प्राइवेट व्हीकल के लिए 5.4% बढ़ने का अनुमान है। वहीं, कमर्शियल व्हीकल वॉल्यूम 2.8% गिरने का अनुमान है। ट्रैक्टर की मजबूत मांग के चलते इसका थोक वॉल्यूम 38.4% साल-दर-साल बढ़ने की उम्मीद है।
टू-व्हीलर सेगमेंट
- इस सेगमेंट में रिटेल सेल्स काफी हद तक साल-दर-साल के आधार पर फ्लैट रही। हालांकि, सब-डीलर स्तर पर इन्वेंट्री स्टॉकिंग थी, जिसे 21 जनवरी से मूल्य वृद्धि का कारण बताया था।
- इस साल कई एंट्री लेवल मॉडल जैसे हीरो डीलक्स पर 1500 रुपए तक, बजाज प्लेटिना पर 1600 रुपए तक, पल्सर 125 पर 2000 रुपए तक डिस्काउंट मिला है।
- डीलर 1 से 1.5 महीने की एक इन्वेंट्री धारण कर रहे हैं। रॉयल एनफील्ड ने अपनी बाइक के लिए 4-6 सप्ताह का वेटिंग पीरियड रखा है, जो 14-18 सप्ताह में मेट्योर के लिए समान है।
- मोतीलाल के मुताबिक, होलसेल में रॉयल एनफील्ड के लिए 23%, HMCL के लिए 15%, बजाज ऑटो के लिए 7.8% (घरेलू 2W में 5% की वृद्धि) और TVSL के लिए 17.4% की वृद्धि होगी।
प्राइवेट व्हीकल सेगमेंट
- प्राइवेट व्हीकल सेगमेंट में रिटेल सेल्स की मजबूत मांग जारी है। मैन्युफैक्चरर्स ने पिछले साल के 50% छूट की तुलना में लोअर साइड पर साल के आखिर में छूट को प्रतिबंधित किया है।
- पीवी सेगमेंट के ओरिजनल इक्युपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) में वेटिंग पीरियड की अवधि हाई है। MSIL को सेल्स में नुकसान होता दिख रहा है, क्योंकि ओईएम की तरफ से उसे 3-12 सप्ताह का वेटिंग पीरियड मिल रहा है। वहीं, पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग CNG मॉडल में रूचि ले रहे हैं।
- MSIL के लिए वॉल्यूम में 3.4% की वृद्धि होने की उम्मीद है। वहीं, सप्लाई चेन में बाधा के चलते यूटिलिटी व्हीकल (पिक-अप सहित) में 2.5% की मामूली बढ़त की उम्मीद है।
कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट
- इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में M&HCVs की मांग मजबूत बनी हुई है, क्योंकि सरकार ने परियोजनाओं पर फिर से खर्च शुरू कर दिया है।
- पिछले साल की तुलना में इसकी पूछताछ बेहतर है, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स हायर डिस्काउंट की उम्मीद में खरीदारी को होल्ड कर रहे हैं। उच्च टन भार वाले सेगमेंट में अधिक मांग के कारण छूट 6-7% तक कम है।
- TTMT और भारत बेंज उच्च टन भार पोर्टफोलियो में अपने कॉम्पटीटर की तुलना में बेहतर थे। LTV 80-85% पर स्थिर है, हालांकि छूट 13-15% से 15-17% तक बढ़ी है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट
- लाइट कमर्शियल व्हीकल (LCV) और स्मॉल कमर्शियल व्हीकल (SCV) की मांग पिछले साल के समान थी, क्योंकि दिसंबर में मूल्य वृद्धि 20% थी और ईयरएंड में मिलने वाला डिस्काउंट कम था। ऐसे में ग्राहकों ने खरीदारी को जनवरी 2021 तक स्थगित कर दिया।
- भारत के शेष हिस्सों में अशोक लेलैंड के बड़ा दोस्त के शुरू होने से इसकी LCV बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। हम उम्मीद करते हैं कि AL की होलसेल साल-दर-साल 8.5% और TTMT के लिए 6.8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
ट्रैक्टर्स सेगमेंट
- अच्छी फसल और कृषि मशीनीकरण की प्राथमिकता के कारण ट्रैक्टरों की मांग बरकरार है। महिंद्रा एंड महिंद्रा और एस्कॉर्ट दोनों के ट्रैक्टर की डिमांड बनी हुई है। एग्रीकल्चर सेगमेंट से हाई डिमांड के कारण उच्च एचपी ट्रैक्टरों की बिक्री बढ़ रही है।
- ट्रैक्टरों का व्यावसायिक उपयोग भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। डीलर मॉडल के आधार पर इन्वेंट्री (10-30 दिन) भी धारण कर रहे हैं। उम्मीद है कि उच्च मांग और कम आधार के कारण MM/ESC के लिए ट्रैक्टर वॉल्यूम साल-दर-साल पर 30%/75% तक बढ़ सकता है।
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