इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि उन्होंने मोबाइल निर्माता कंपनी एपल के सीईओ टीम कुक को साल 2017 में टेस्ला कंपनी बेचने का ऑफर दिया था। लेकिन टिम कुक ने उनके साथ मीटिंग करने से इंकार कर दिया था। दरअसल, वह वक्त टेस्ला के लिए काफी बुरा था। उस दौरान मस्क ने कंपनी को मौजूदा कीमत के 10वें भाग जितनी कीमत में ही इसे बेचने का फैसला कर लिया था।
लगातार संघर्ष कर रही थी टेस्ला
टेस्ला 2018 तक कार मैन्यूफैक्चरिंग को मुनाफे में लाने के लिए संघर्ष कर रही थी। जिस समय मस्क इस प्रस्ताव को लेकर गए थे, उस समय टेस्ला की मार्केट वैल्यू करीब 4.6 लाख करोड़ रुपये (6160 करोड़ डॉलर) की थी जो आज 10 गुना बढ़कर करीब 45.6 लाख करोड़ (6.15 हजार करोड़ डॉलर) हो चुकी है। आज टेस्ला दुनिया की सबसे कीमती ऑटो विनिर्माता बन गई है। बता दें कि ऐपल और टेस्ला दोनों कंपनियों के शेयरों में साल 2017 की शुरुआत से इजाफा हुआ है। टेस्ला का शेयर लगभग 1,400 फीसदी बढ़ चुका है, हालांकि अभी भी एपल के बाजार पूंजीकरण के एक तिहाई से कम है।
एपल इलेक्ट्रिक कार बनाने का किया है ऐलान
यह बात मस्क ने अब ट्वीट करके कहा जब एपल द्वारा इलेक्ट्रिक कार बनाए जाने की योजना सामने आई है। यानी अगर अस समय टिम कुक मान गए होते तो वह इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में पहले ही प्रवेश कर चुकी होती। बता दें कि हाल ही में एपल ने सेल्फ ड्राइविंग कार बनाने की योजना का ऐलान किया है। एपल की इलेक्ट्रिक कार 2024 तक बाजार में आ सकती है।
आज टेस्ला बनी सबसे बड़ी ऑटो मेकर
करीब दो साल पहले तक टेस्ला अपने प्रोडक्शन लक्ष्य से पीछे चल रहा था और उसे प्रॉफिट भी नहीं हो पा रहा था। हालांकि उसके बाद टेस्ला की किस्मत पलटी और अब कई वर्षों के नुकसान के बाद टेस्ला लगातार मुनाफे में चल रही है। इस साल उसके शेयर भाव में 665 फीसदी की तेजी दिखी जिसने उसे दुनिया की सबसे अधिक नेटवर्थ वाली ऑटो मेकर कंपनी बना दिया और अब वह एसएंडपी 500 इंडेक्स पर वह टॉप 10 बड़ी कंपनियों में शुमार हो गई है।
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